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राणाजी-गायत्री की अधूरी कहानी

राणाजी-गायत्री की अधूरी कहानी

हाय राम! घोर कलयुग आ गया है. यहां गायत्री आंसू बहा रही है, और वहां राणा जी रागेश्वरी के साथ सुहागरात मना रहे हैं. बेचारी कितना प्यार करती है अपने राणाजी से और राणाजी हैं कि रागेश्वरी को अपनी बाहों में भरकर बेवफाई का सबूत दे रहे हैं.

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