राजनाथ सिंह के लिए गाजियाबाद लकी साबित हुआ, लेकिन अब यह सिर्फ एक लोकसभा सीट नहीं बल्कि नेताओं के लिए शरण लेने की जगह भी बन गई है. तो गाजियाबाद में इस बार किसका होगा 'राजतिलक'.