जैसे-जैसे चुनाव की घड़ी नजदीक आ रही है, राजनीतिक दलों और नेताओं की धड़कनें बढ़ रही हैं. देश की राजनीति दिल्ली का हाल भी कुछ ऐसा ही है. जनता अपना नेता चुन रही है और मन बना चुकी है, लेकिन कोई भी स्थिति साफ करने के मूड में नहीं है.