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मैं भाग्य हूं: भाग्य के भरोसे नहीं कर्म करने से मिलती है सफलता

मैं भाग्य हूं: भाग्य के भरोसे नहीं कर्म करने से मिलती है सफलता

बहुत से लोग इस बात का रोना रहते हैं कि उनका भाग्य ही खराब है और नसीब साथ नहीं दे रहा इसलिए सफलता नहीं मिलती. जबकि सच तो यह है कि व्यक्ति का भाग्य उसके कर्मों के अधीन है. भाग्य का सच्चा साथी कर्म यानी काम करना ही है. जो जैसे कर्म करता है उसे वैसा ही फल मिलता है. देखिए कर्मों के फल से जुड़ी दिलचस्प कहानी और साथ ही जानिए अपना राशिफल.

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