सरकार की मेहरबानी, गुंडों की मनमानी. चाहे कंगना रनौत के दफ्तर पर बुलडोजर का मामला हो या फिर नेवी के पूर्व ऑफिसर से मारपीट का मामला. शिवसेना गुंडागर्दी करती है लेकिन शिवसेना के मुखिया और सूबे के मुख्यमंत्री एक शब्द नहीं बोलते. कहते हैं कि उनकी चुप्पी को कमजोरी ना समझी जाए. इस बीच महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग उठने लगी है. महाराष्ट्र में सत्तारुढ़ पार्टी का ऐसा तांडव शायद पहले कभी नहीं दिखा. कंगना ने चुनौती क्या दे दी, शिवसेना के नेतृत्व वाली BMC ने दफ्तर तोड़ डाला. आज हल्लाबोल इसी पर, अंजना ओम कश्यप.