सत्ता में आने के बाद यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों किसी घटना को देखने समझने पहुंचे हो. यानी कांग्रेस के वर्तमान और भविष्य की तिकड़ी एक साथ एक जगह. वह भी दंगों के दर्द को समझने और अपने दर्द को बताने की इंतहा.