उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शुक्रवार को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए मुजफ्फरनगर पहुंचे. मुख्यमंत्री प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के साथ पीड़ित लोगों से मुलाकात करने पहुंचे, लेकिन मुजफ्फरनगर के कवाल गांव पहुंचते ही लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी.
मुख्यमंत्री अखिलेश आज सुबह हेलीकॉप्टर से करीब 11 बजे सबसे पहले कवाल गांव पहुंचे, लोगों ने अखिलेश के खिलाफ खूब नारेबाजी की और अपनी नाराजगी जताई. कवाल वही गांव है जहां छेड़खानी की घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी और बाद में महापंचायत का आयोजन होने के बाद पूरे जिले में हिंसा भड़क गई थी.
अखिलेश कवाल के बाद जिले के शाहपुर, मीरपुर और कोतवाली इलाकों में गए. इसके साथ ही वह कांदला गांव जाकर हिंसा में मारे गए पत्रकार राजेश शर्मा के परिजनों से भी मुलाकात करेंगे. राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को दस-दस लाख रुपये मुआवजे देने का ऐलान किया है.
उधर, राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अरुण कुमार ने बताया कि जिले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. मुख्यमंत्री के दौरे के मुद्देनजर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है. कुमार ने बताया कि मुजफ्फरनगर के कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में हालात शांतिपूर्ण है. दिन में कर्फ्यू में ढील दी गई है. उन्होंने कहा कि शनिवार को देहात क्षेत्र में घास काटने गए दो लोगों पर अज्ञात लोगों द्वारा फायरिंग की गई. दोनों घायल हो गए. उनका इलाज किया जा रहा है. इस संबंध में जांच जारी है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने मुजफ्फरनगर में गत 27, 30 व 31 अगस्त एवं 7 सितम्बर तथा उसके बाद हुई घटनाओं के मामलों का विश्लेषण करने के लिए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन सेल का गठन किया है. विश्लेषण कार्य में विशेष रुप से दक्ष पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.
वहीं, अखिलेश यादव के रविवार को प्रस्तावित मुजफ्फरनगर दौरे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर ने कहा कि मुख्यमंत्री के दौरे का मकसद दंगा पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाना नहीं, बल्कि सिर्फ राजनीति है. प्रवक्ता ने कहा कि तीन दिनों तक आगरा में प्रवास करने के बावजूद वहां से नजदीक मुजफ्फरनगर जाने की जहमत मुख्यमंत्री सहित किसी भी मंत्री ने नहीं उठाई, लेकिन प्रधानमंत्री के सोमवार के प्रस्तावित दौरे को देखकर अखिलेश ने आनन-फानन में अपने दौरे का कार्यक्रम बना लिया, जो राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है.