देश में लोकसभा चुनाव अंतिम चरण तक पहुंच चुका है. इसी चुनाव में हम ये कर देंगे, हम वो कर देंगे, हम ऐसा कर देंगे, हम वैसा कर देंगे, जनता को ये भरोसा देने में हर दल के हर नेता ने खुद को आगे रखा होगा. लेकिन आम आदमी को क्या उस व्यवस्था के मुक्ति मिली, जिसे जनता की जान की फिक्र ही नहीं होती. देखें 10 तक.