किसी साल के जाने का इतना इंतजार नहीं हुआ, जितना कि 2020 का. किसी साल के आने का भी इतना इंतजार नहीं हुआ, जितना 2021 के आने का. उम्मीद यही करते हैं कि धरती ने अपना चक्कर पूरा किया तो जीवन की चकरघिन्नी खत्म हो जाए. लेकिन इतना समझ लीजिए कि 2021 साल पर उम्मीदों का बोझ है. अथाह उम्मीदें हैं, जिन्हें पूरा करने की चुनौतियां मुंह खोलकर खड़ी हैं. क्यों कहा जा रहा है कि यह साल खुशियों का साल है. देखें बेहद खास शो, श्वेता सिंह के साथ.