बाबा रामदेव समलैंगिकता को कानूनी मान्यता दिए जाने के खिलाफ हैं. बाबा की माने तो भारत में समलैंगिकता को कानूनी मान्यता देना अनुचित है. उनको लगता है कि इससे देश की सभ्यता और संस्कृति खतरे में पड़ गई है. उधर महिला आयोग का कहना है कि इस पर राष्ट्रीय बहस होनी चाहिए