महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर विवाद गहरा गया है, जब मनोज जरंगे पाटिल के आमरण अनशन के बाद सरकार ने एक सरकारी आदेश (जीआर) जारी किया. इस जीआर के तहत, हैदराबाद गैजेटियर के आधार पर मराठा समुदाय को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे, जिससे उन्हें ओबीसी कोटे में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा. इस फैसले ने मराठा बनाम ओबीसी का मुद्दा खड़ा कर दिया है. कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल के नेतृत्व में ओबीसी समाज ने इसका कड़ा विरोध किया है.