एक बार फिर सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत को ले कर राजनीतिक पार्टियों की तलवारें खिंच गई हैं. असम की पार्टी AIDUF और असदुद्दीन ओवैसी ने आर्मी चीफ के खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया है. सेना प्रमुख ने पूर्वोत्तर की आबादी में हो रहे बदलाव के मद्देनज़र AIDUF और बीजेपी की तुलना कर दी थी. इस बयान के बाद ओवैसी ने आर्मी चीफ़ को राजनीति से दूर रहने की नसीहत दे डाली. और AIDUF तो चुनाव आयोग तक सेना प्रमुख की शिकायत करने की तैयारी में है. लेकिन क्या सेना प्रमुख के बयान को राजनीतिक कह कर उस बड़ी बात को नज़रअंदाज़ किया जा सकता है, जो उन्होंने उठाई है ?