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ED अधिकारी बताकर नामी विवि के कुलपति को किया डिजिटल अरेस्ट, फिर ऐंठ लिए 14 लाख रुपये, 2 गिरफ्तार

ओडिशा की नामी यूनिवर्सिटी की कुलपति को डिजिटल अरेस्ट करके 14 लाख रुपये ऐंठने का मामला सामने आया है. इस मामले की जांच में जुटी पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. जिसके तहत 2 ठगों को गुजरात से गिरफ्तार किया गया है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

ओडिशा के बरहामपुर विश्वविद्यालय की कुलपति गीतांजलि दाश से 14 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में गुजरात से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस बात की जानकारी पुलिस ने रविवार को एक न्यूज एजेंसी को दी. जिसके अनुसार आरोपियों ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अधिकारी बताते हुए दाश से संपर्क किया और दावा किया कि वह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल हैं.

इसके बाद आरोपियों ने कुलपति को 14 से 22 फरवरी तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा. इसके बाद उनसे जांच के नाम पर रुपये ट्रांसफर करवा लिए. पुलिस ने बताया कि आरोपियों के झांसे में आकर दाश ने 14 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. आखिरकार, उन्होंने उन्हें 80000 रुपये लौटा दिए और आश्वासन दिया कि सत्यापन के बाद बाकी पैसे दे दिए जाएंगे. लेकिन कुछ दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें बाकी पैसे वापस नहीं मिले.

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जिसके बाद दाश ने 24 फरवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के बाद जांच में जुटी पुलिस ने पिछले सप्ताह की शुरुआत में गुजरात के भावनगर से गिरफ्तारियां की. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान भुतैया जेनिल जयसुखभाई (23) और विश्वजीतसिंह गोहिल (21) के रूप में हुई है. आरोपियों को शनिवार को पांच दिन की ट्रांजिट रिमांड पर बरहामपुर लाया गया.

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आरोपियों के पास से एक मोबाइल फोन और आधार कार्ड समेत कई आपत्तिजनक सामान जब्त किए गए हैं. बरहामपुर के पुलिस अधीक्षक सरवण विवेक एम ने बताया कि दोनों देश के विभिन्न हिस्सों में कई साइबर अपराधों में शामिल एक गिरोह का हिस्सा थे. फिलहाल गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं. देशभर में उनके नेटवर्क का पता लगाने और पैसे के पूरे लेन-देन का पता लगाने के लिए जांच जारी है.

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