रतलाम में मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले की गाड़ियों में पानी मिला हुआ डीजल भरने के मामले से पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है. इस घटना के बाद पूरे राज्य में पेट्रोल पंपों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
दरअसल, 26 जून को रतलाम के दोसीगांव में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) द्वारा संचालित ‘शक्ति फ्यूल पॉइंट’ पेट्रोल पंप से मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले के कई वाहनों में डीजल भरवाया गया. अधिकारियों के अनुसार, ईंधन भरने के तुरंत बाद काफिले के सभी वाहन खराब हो गए, जिसके कारण उन्हें धक्का देकर सड़क किनारे ले जाना पड़ा.
जांच के बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए नमूने लिए और पंप को सील कर दिया. इस दौरान अधिकारियों ने स्टेशन से 5,995 लीटर पेट्रोल और 10,657 लीटर डीजल जब्त किया गया. पंप संचालक पर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3(7) के तहत FIR दर्ज की गई. इस घटना के बाद राज्य में ईंधन की गुणवत्ता के मानकों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए.
मंत्री ने दिए जांच के आदेश
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अब राज्य के सभी पेट्रोल और डीजल स्टेशनों पर व्यापक जांच अभियान चलाने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा, "ईंधन में मिलावट एक गंभीर मुद्दा है, जो न केवल वाहनों के प्रदर्शन को प्रभावित करता है, बल्कि जन सुरक्षा को भी खतरे में डाल सकता है." उन्होंने अधिकारियों को मध्य प्रदेश में बिना किसी अपवाद के गहन जांच करने का निर्देश दिया.
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शुक्रवार को मुख्य सचिव रश्मि अरुण शमी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में बीपीसीएल, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया गया. उन्होंने तेल कंपनियों को तत्काल विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने और राज्य के सभी खुदरा ईंधन केंद्रों पर अनिवार्य निरीक्षण का आदेश दिया.
अब प्रत्येक पेट्रोल पंप की सख्ती से जांच होगी, जिसमें एक मानक चेकलिस्ट का उपयोग किया जाएगा. दैनिक और आवधिक निरीक्षणों का डेटा एक केंद्रीकृत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाएगा. इसके लिए एक समर्पित सॉफ्टवेयर सिस्टम विकसित किया जा रहा है.
जिलाधिकारियों को दिए आदेश
जिलाधिकारियों को संयुक्त निरीक्षण टीम बनाने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें खाद्य विभाग, राजस्व, मापतौल और तेल कंपनियों के अधिकारी शामिल होंगे. इसके अलावा सरकार ने सभी तेल कंपनियों और डीलरों को उपभोक्ता सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं जिनमें टायर में हवा भरने की निशुल्क सुविधा, पीने का पानी और पुरुषों व महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय शामिल है.