
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में भारी बारिश के बाद कई ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. सिंध नदी के उफान पर आने से कोलारस, बदरवास और रन्नौद के ग्रामीण इलाकों में भारी जलभराव हो गया है. जलभराव और बाढ़ के कारण कई स्थानों पर लोग फंस गए, जिन्हें सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद से बचाया जा रहा है.
ऐसा ही एक गांव है भड़ौता, जहां तीन परिवार सिंध नदी के तेज बहाव में फंस गए हैं. उन्हें बचाने के लिए एसडीआरएफ की टीम दो नावों के साथ नदी में उतरी, लेकिन तेज बहाव के कारण सफलता नहीं मिली, जिसके बाद सेना को बुलाया गया. इससे पहले, टीमें विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 196 लोगों को सुरक्षित निकाल चुकी थीं.
एसडीआरएफ के प्लाटून कमांडर राघवेंद्र ने aajtak को बताया कि नदी का बहाव बहुत तेज है, जिससे बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं. aajtak ने जब गांव वालों से बात की, तो उन्होंने बचाव कार्य में देरी का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि 30 घंटे बीत जाने के बाद भी फंसे तीन परिवारों को नहीं निकाला जा सका, जिनमें सात महीने की एक बच्ची भी शामिल है. सिंध नदी का रौद्र रूप केवल भड़ौता गांव तक सीमित नहीं है. शिवपुरी के कोलारस के पास अनंतपुर गांव की ओर जाने वाली सड़क भी नदी के पानी में डूब गई है.

जब aajtak की टीम कोलारस से अनंतपुर होते हुए अशोकनगर जाने वाली सड़क पर पहुंची, तो वहां पूरी सड़क सिंध नदी के पानी में डूब चुकी थी. सड़क को आवागमन के लिए बंद कर दिया गया, क्योंकि नदी का पानी सड़क से आठ फीट ऊपर बह रहा है. अनंतपुर गांव से बुधवार सुबह सेना ने लगभग 36 लोगों को सुरक्षित निकाला.