सुप्रीम कोर्ट सोमवार को मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट की 19 मई की वाद सूची के अनुसार, याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच के समक्ष सुनवाई होगी. 16 मई को बेंच ने बीजेपी नेता शाह की याचिका पर सोमवार को सुनवाई तय की थी.
विजय शाह की याचिका में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 14 मई के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें उनकी टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया था.
15 मई को शीर्ष अदालत ने मंत्री को फटकार लगाई थी और कहा था कि देश में ऐसी स्थिति के समय मंत्री के हर शब्द में जिम्मेदारी की भावना होनी चाहिए.
चीफ जस्टिस बीआर गवई ने विजय शाह के वकील से कहा था, "आप किस तरह के बयान दे रहे हैं? आप सरकार के एक जिम्मेदार मंत्री हैं." बेंच में जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह भी शामिल थे, जिन्होंने कहा, "ऐसे संवैधानिक पद पर बैठे लोगों से संयम बरतने की अपेक्षा की जाती है."
शाह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विभा दत्ता मखीजा ने 15 मई को मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया था और कहा था कि हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है. शीर्ष अदालत को सूचित किया गया कि राज्य के आदिवासी मामलों के मंत्री शाह ने अपने बयान पर खेद व्यक्त किया है.
मखीजा ने कहा, "यह एक ऐसा बयान था जिसे गलत समझा गया, क्योंकि उनका कभी वह मतलब नहीं था जो मीडिया द्वारा बताया जा रहा है." मखीजा ने कहा था कि याचिकाकर्ता एफआईआर पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे, क्योंकि हाईकोर्ट ने उनकी बात नहीं सुनी.
विजय शाह उस समय आलोचनाओं के घेरे में आ गए थे, जब एक वीडियो में उन्हें कर्नल कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए दिखाया गया था. कर्नल कुरैशी ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान एक अन्य महिला अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ देश भर में प्रसिद्धि प्राप्त की थी.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विजय शाह को कर्नल कुरैशी के खिलाफ 'अपमानजनक' टिप्पणी करने और 'गटर की भाषा' का इस्तेमाल करने के लिए फटकार लगाई और पुलिस को शत्रुता व घृणा को बढ़ावा देने के आरोप में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया.
हाईकोर्ट ने कहा था, "यहां जो कुछ भी देखा गया है, उसके आधार पर, यह अदालत मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152, 196 (1) (बी), और 197 (1) (सी) के तहत अपराधों के लिए मंत्री विजय शाह के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देती है."
कड़ी आलोचना के बाद, BJP मंत्री ने कहा कि यदि उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची है, तो वे दस बार माफी मांगने को तैयार हैं और वे कर्नल कुरैशी का अपनी बहन से अधिक सम्मान करते हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बाद 14 मई को इंदौर जिले में विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.