कांग्रेस नेता राहुल गांधी 3 जून को मध्य प्रदेश दौरे पर आ रहे हैं. यह दौरा ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत किया जा रहा है, जिसका मकसद राज्य में पार्टी के संगठन को जमीनी स्तर से मजबूत करना है. गुजरात में इस अभियान की शुरुआत के बाद अब इसे मध्य प्रदेश में लागू किया जा रहा है, हालांकि राज्य में फिलहाल कोई चुनाव नहीं है. फिर भी राहुल गांधी की सीधी भागीदारी इस बात का संकेत है कि कांग्रेस अब संगठनात्मक मजबूती को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है.
संगठन सृजन अभियान क्या है?
‘संगठन सृजन अभियान’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से 2025 को 'संगठनात्मक सुधारों का वर्ष' घोषित करने की दिशा में एक अहम कदम है. इसके तहत जिला कांग्रेस कमेटियों को सशक्त किया जाएगा और जवाबदेही की एक नई प्रणाली लागू होगी. गुजरात के बाद अब यह अभियान मध्य प्रदेश में शुरू किया जा रहा है. दिल्ली से कुल 61 AICC पर्यवेक्षक भेजे गए हैं और प्रत्येक जिले के लिए चार सह-पर्यवेक्षक नियुक्त होंगे. ये पांच सदस्यीय टीमें संगठन को मजबूत करने की दिशा में काम करेंगी.
क्या होगी AICC पर्यवेक्षकों की भूमिका?
हर पर्यवेक्षक को राहुल गांधी खुद जिले आवंटित करेंगे और उन्हें अभियान के तहत विशेष दिशा-निर्देश देंगे. ये पर्यवेक्षक अपने-अपने जिलों में जाकर मजबूत और समर्पित कार्यकर्ताओं को चिन्हित करेंगे, जिनका नाम जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अनुशंसा सूची में शामिल किया जाएगा. यह सूची दिल्ली भेजी जाएगी और उस पर अंतिम निर्णय शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा.
राहुल गांधी का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम
राहुल गांधी सुबह 10:20 बजे भोपाल पहुंचेंगे, जहां कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता उनका भव्य स्वागत करेंगे. सुबह 11:00 बजे वे पीसीसी मुख्यालय पहुंचेंगे और 11:00 से 12:00 बजे तक राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक लेंगे. इसके बाद 12:00 से 12:30 बजे तक सांसदों और विधायकों के साथ संवाद होगा. 12:30 से 1:30 बजे तक AICC पर्यवेक्षकों और PCC प्रभारियों के साथ बैठक होगी. 1:30 से 2:30 बजे तक विशेष रणनीतिक विचार-विमर्श और फिर 2:30 से 4:00 बजे तक एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.
भीतरघातियों पर होगी कार्रवाई, पार्टी में अनुशासन होगा सख्त
कांग्रेस विधायक दल के नेता उमंग सिंघार ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि पार्टी ऐसे लोगों की पहचान कर रही है जो कांग्रेस में रहते हुए भी भाजपा की मदद कर रहे हैं. ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर किया जाएगा. दूसरी ओर, समर्पित कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाया जाएगा. कांग्रेस अब संगठनात्मक प्रतिबद्धता, कार्यशैली और नेतृत्व के साथ समन्वय के आधार पर जिला अध्यक्षों का चयन करेगी. साथ ही पार्टी उन लोगों की सूची भी तैयार कर रही है जो अंदरूनी तौर पर भाजपा को लाभ पहुंचा रहे हैं.