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वनरक्षक की दौड़ में दोहराई गई 'खरगोश-कछुए' की कहानी, सोता रह गया पहाड़ सिंह

वनरक्षक भर्ती परीक्षा के लिए फिजिकल देने के दौरान रेस में सबसे आगे निकला युवक रास्ते में सो गया. 4 घंटे में 24 किमी की दूरी तय करनी थी. उसे लगा कि वह आसानी से जीत जाएगा. मगर, आराम करते हुए उसकी नींद लग गई. बाद में उसे ढूंढा गया. अब युवक को अपनी गलती पर मलाल हो रहा है.

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परीक्षार्थी पहाड़ सिंह.
परीक्षार्थी पहाड़ सिंह.

मध्य प्रदेश में वनरक्षक भर्ती (MP Forest Guard Recruitment 2023) फिजिकल टेस्ट में अजीबो-गरीब घटना देखने को मिली. पैदल चाल में शामिल होने आया परीक्षार्थी सबसे आगे होने के बावजूद फेल गया. वह रास्ते में आराम करने के लिए रुका और फिर गहरी नींद में सो गया. बाकी के परीक्षार्थी आगे निकल गए और क्वालीफाई हो गए. वहीं, युवक अपनी गलती पर पक्षताता हुआ नजर आया. उसकी इस गलती को सब पंचतंत्र की खरगोश-कछुए की रेस वाली कहानी से जोड़ कर देख रहे हैं. 

दरसअल, 28 मार्च को ग्वालियर जिले के डबरा शहर का रहने वाला 21 साल का युवक पहाड़ सिंह वनरक्षक भर्ती का खंडवा में फिजिकल देने आया हुआ था. कुल 61 परीक्षार्थी उसके साथ इस दौड़ में शामिल हुए थे, जिसमें 9 लड़कियां और 52 लड़के शामिल थे. 

सभी को 24 किमी की पैदल चाल 4 घंटे में पूरी करनी थी. सुबह सुबह 6 बजे खण्डवा के हरसूद नाके से शुरू हुई यह दौड़ 10 बजे वापस उसी पॉइंट पर खत्म होनी थी. इस बीच परीक्षार्थियों को चार चेक पॉइंट से होकर गुजरना था और लास्ट पॉइंट पर आना था.

60 परीक्षार्थी पहुंचे, पहाड़ सिंह गायब

जब रेस शुरू हुई तो पहाड़ सिंह सबको पछाड़ते हुए आगे निकल गया. चारों चेक पॉइंट से वह सबसे पहले गुजरा, लेकिन लास्ट चेक पॉइंट तक नहीं पहुंचा. समय पूरा होने के बाद लास्ट पॉइंट जब परीक्षार्थी की गिनती हुई तो उनकी संख्या 60 निकली. 

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फॉरेस्ट रेंज के अफसरों को पता चला कि एक परीक्षार्थी कम है. सामने आया कि 96 नंबर वाला पहाड़ सिंह अभी तक नहीं पहुंचा है. इसके बाद फॉरेस्ट रेंज के अफसरों की गाड़ियां पहाड़ सिंह को ढूंढने के लिए निकलीं. 

पहाड़ सिंह सहित 61 परीक्षार्थी हुए थे शामिल.
पहाड़ सिंह सहित 61 परीक्षार्थी हुए थे शामिल.

सड़क किनारे सोता हुआ मिला

देखा तो पाया कि पहाड़ सिंह लास्ट पॉइंट से कुछ दूरी पर सड़क किनारे पेड़ की छाया में सो रहा है. उसे जगाया तो वह हड़बड़ा कर उठा. टीम ने उससे पूछा कि यहां सो क्यों रहे हो तो कहने लगा, ''पैरों में छाले आ गए, इस वजह से थोड़ी देर आराम करने बैठ गया था. फिर कब गहरी नींद लग गई पता ही नहीं चला.''

गलती पर पछतावा

खण्डवा फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर जे पी मिश्रा ने बताया कि एक परीक्षार्थी आराम करने रुक गया था. इस दौरान वह सो गया. बाद में टीम उसे अपने साथ लेकर आई. वह परीक्षा में फेल डिसक्वालिफाई हो गया है.

सालों की मेहनत पर फिरा पानी

वहीं, अपनी गलती पर पहाड़ सिंह को बहुत मलाल है. उसका कहना है कि वह सालों से परीक्षा की तैयारी में लगा हुआ था. एक गलती के कारण सरकारी नौकरी उसके हाथ से निकल गई.

पिछड़ी जाति विशेष भर्ती अभियान के तहत वनरक्षक भर्ती

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खण्डवा फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर जे पी मिश्रा ने यह भी बताया कि खण्डवा जिले में अति पिछड़ी जाति विशेष भर्ती अभियान के तहत वनरक्षक के 38 पदों के लिए बैगा, सहारिया और भारिया जातियों के 114 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिसके लिए प्राथमिक तौर पर 24 किलोमीटर की पैदल चाल को 4 घण्टे में पूरा करने का लक्ष्य था. 28 मार्च की सुबह साढ़े छह बजे यह पैदल चाल शुरू हुई, जिसमें 61 प्रतिभागियों 9 युवतियां और 52 युवकों ने हिस्सा लिया था.

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