scorecardresearch
 

MP: प्रहलाद पटेल की किताब ‘परिक्रमा-कृपा सार’ की लॉन्चिंग, ‘उद्गम मानस यात्रा’ से मिले अनुभव का है संकलन

इंदौर में हिंदी दिवस पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंत्री प्रहलाद पटेल की किताब ‘परिक्रमा-कृपा सार’ का विमोचन किया. यह पुस्तक नर्मदा परिक्रमा और ‘उद्गम मानस यात्रा’ के अनुभवों पर आधारित है. पटेल अब तक 108 नदियों के उद्गम स्थल तक पहुंचे हैं.

Advertisement
X
प्रहलाद पटेल की किताब के लॉन्चिंग प्रोग्राम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए मोहन भागवत (Photo: ITG)
प्रहलाद पटेल की किताब के लॉन्चिंग प्रोग्राम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए मोहन भागवत (Photo: ITG)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने मध्य प्रदेश के श्रम, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल की किताब ‘परिक्रमा-कृपा सार’ का विमोचन किया. यह किताब नर्मदा परिक्रमा के अनुभवों पर लिखी गई है. प्रहलाद पटेल ने सूबे की नदियों के उद्गम को बचाने के लिए ‘उद्गम मानस यात्रा’ शुरू की थी. उन्होंने बुक लॉन्चिंग के दौरान कहा कि अगर वो केंद्र से मध्य प्रदेश की राजनीति में न लौटते, तो शायद नदियों के उद्गम को बचाने का संकल्प न ले पाते. 

प्रहलाद पटेल नर्मदा परिक्रमा के अनुभवों पर लिखी अपनी किताब ‘परिक्रमा-कृपा सार’ के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने 2 साल पहले ‘उद्गम मानस यात्रा’ शुरू की थी. इसके तहत वो अब तक 108 नदियों के उद्गम स्थलों तक पहुंच चुके हैं.

prahlad patel book

प्रहलाद पटेल की इस यात्रा का मकसद मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी नदियों के पुनर्जीवन और संरक्षण को लेकर जनता में जागरूकता फैलाना है. इसके साथ ही पर्यावरण के प्रति लोगों में चेतान फैलाना भी है. 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे मोहन भागवत

प्रहलाद पटेल की किताब ‘परिक्रमा-कृपा सार’ का विमोचन इंदौर के ‘ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर’ में 14 सितंबर (हिंदी दिवस) पर मोहन भागवत और महामंडलेश्वर श्री ईश्वरानंद जी महाराज की विशेष उपस्थिति में किया गया.

prahlad patel book launch program

विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. भागवत ने कहा, ‘नर्मदा परिक्रमा में जो कुछ प्रहलाद जी को बोध मिला होगा, उस बोध (पुस्तक) को सरसरी तौर पर जो मैंने पढ़ा है, उसमें तो यही है कि मैं और मेरा छोड़ो; अंतःकरण पवित्र करो. स्वार्थ बिल्कुल मत रखो. कर्तव्य, कर्म करते चलो, सबको अपना मानकर चलते जाओ.’

Advertisement

यह भी पढ़ें: 'भाव और अपनापन ही भारत का मूल आधार, आधुनिकता से बिगड़ा समाज', बोले मोहन भागवत

कार्यक्रम के दौरान प्रहलाद पटेल ने किताब के लेखन से जुड़े अनुभव साझा करते हुए कहा कि 30 साल पहले उन्होंने अपने आराध्य श्रीश्री बाबाश्री जी की सेवा करते हुए नर्मदा परिक्रमा की थी. इस यात्रा का राजनीति से कोई संबंध नहीं था. उसी दौरान के अनुभव और अनुभूतियों को संकलन करके यह किताब सामने आई है.

पुस्तक विमोचन से पहले मोहन भागवत को प्रहलाद पटेल ने अपनी ‘उद्गम मानस यात्रा’ के दौरान इकट्ठा किए गए 108 नदियों का पवित्र जल भी सौंपा.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement