लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस के 'संगठन सृजन अभियान' की शुरुआत करेंगे. इस अभियान का लक्ष्य 2028 के विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी को मजबूत करना और मध्य प्रदेश में खोई हुई साख को वापस लाना है. दिसंबर 2024 में बेलगावी में आयोजित कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में इस अभियान को मंजूरी दी गई थी. राहुल गांधी इस दौरान भोपाल में कई विचार-मंथन बैठकों को संबोधित करेंगे.
पार्टी नेताओं के अनुसार, राहुल गांधी का यह दौरा सुबह 11 बजे शुरू होगा और लगभग पांच घंटे तक चलेगा. मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव और पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने बताया, "यह अभियान संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए शुरू किया जा रहा है. हम 2003 से, 15 महीने की अवधि (दिसंबर 2018-मार्च 2020) को छोड़कर, मध्य प्रदेश में सत्ता से बाहर हैं."
मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया समन्वयक अभिनव बरोलिया ने बताया कि इस दौरे के दौरान कांग्रेस एक प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी को जाति आधारित जनगणना की वकालत के लिए धन्यवाद देगी. यह प्रस्ताव खास तौर पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के उत्थान पर केंद्रित होगा, जो मध्य प्रदेश की आबादी का 50 प्रतिशत से अधिक है. गौरतलब है कि भाजपा ने 2003 से ओबीसी समुदाय से उमा भारती, बाबूलाल गौर, शिवराज सिंह चौहान और अब मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया है.
अरुण यादव ने कहा कि 'मिशन 2028' का उद्देश्य विधानसभा चुनाव जीतकर कांग्रेस को सत्ता में वापस लाना है. उन्होंने बताया कि यह अभियान संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, सांसदों, विधायकों और विभिन्न इकाइयों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर केंद्रित है. सज्जन वर्मा ने कहा कि राहुल गांधी भोपाल पहुंचकर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय जाएंगे और राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में हिस्सा लेंगे. इसके बाद वे सांसदों और विधायकों के साथ संवाद करेंगे, फिर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के पर्यवेक्षकों और राज्य प्रभारियों के साथ बैठक करेंगे. अंत में, वे एआईसीसी, राज्य कांग्रेस और जिला व ब्लॉक स्तर के अध्यक्षों के प्रतिनिधियों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे.
वर्मा ने दावा किया कि राहुल गांधी की सामाजिक समावेश की वकालत के कारण केंद्र सरकार जाति आधारित जनगणना कराने पर सहमत हुई. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे पर राहुल का मजाक उड़ाया था, लेकिन अंततः उनकी मांग मान ली गई." कांग्रेस इस अभियान के जरिए मध्य प्रदेश में अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है, जैसा कि उसने गुजरात में भी किया था.
पता हो कि 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 230 सदस्यीय सदन में 163 सीटें जीतकर कांग्रेस को केवल 66 सीटों तक सीमित कर दिया था. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने कमल नाथ के गढ़ छिंदवाड़ा सहित सभी 29 सीटें जीत ली थीं. इस अभियान के जरिए कांग्रेस अब मध्य प्रदेश में अपनी खोई जमीन वापस पाने की तैयारी में है.