मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम निवासी कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा की मौत के मामले में अब दोबारा जांच होगी. सरला मिश्रा की मौत 14 फरवरी 1997 को भोपाल के टीटी नगर स्थित उनके आवास में संदिग्ध परिस्थितियों में जलने से हुई थी. पुलिस ने इस मामले में खात्मा रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी, जिसे 28 साल बाद भोपाल अदालत ने गंभीर खामियों के कारण खारिज कर दिया और दोबारा जांच के आदेश दिए. इस फैसले से कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं की परेशानियां बढ़ सकती हैं.
सरला मिश्रा के भाई अनुराग मिश्रा ने अदालत के इस आदेश का स्वागत किया है और कहा है कि यह फैसला न्यायसंगत है. अनुराग मिश्रा ने बताया कि न्यायालय के आदेश से अब 1997 में इस केस से जुड़े सभी अधिकारियों की भूमिका की जांच होगी और उनकी सच्चाई सामने आ जाएगी. अदालत ने बिंदुवार जांच के आदेश दिए हैं, और अब इस मामले में पुलिस अधिकारियों का एक पैनल गठित कर जांच कराई जाएगी.
अनुराग मिश्रा ने वर्तमान सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और इसमें शामिल प्रभावशाली लोगों के नाम भी सामने लाए जाएं. इस फैसले से सरला मिश्रा के परिवार को राहत मिली है और उन्हें न्याय की उम्मीद जगी है.