दिल्ली में बुलडोजर चलाने पर भले ही सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया है लेकिन मध्य प्रदेश में फिलहाल बुलडोजर के जरिए आरोपियों पर कार्रवाई जारी रहेगी. दरअसल, मध्य प्रदेश में जारी बुलडोजर की कार्रवाई को चुनौती देने के लिए हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है.
मामले में हुई सुनवाई के बाद आज विस्तृत आदेश सामने आया है, जिसमें हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि याचिकाकर्ता का यह मामला जनहित सुनवाई योग्य नहीं है. हाई कोर्ट ने माना कि ना तो याचिकाकर्ता पीड़ित है और ना ही उनका उनसे कोई सीधा संबंध है.
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगर पीड़ित के साथ गलत हो रहा है तो वह खुद न्यायिक प्रक्रिया को अपना सकते हैं और कोर्ट आकर वह अपने अधिकारों की लड़ाई खुद लड़ सकते हैं.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने दायर की थी. याचिका में दलील दी गई थी कि मध्य प्रदेश सरकार की ओर से आरोपियों के खिलाफ चलाई जा रही बुलडोज़र कार्रवाई और उनके घरों को जमींदोज करने की प्रक्रिया न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है और जनता के मौलिक अधिकारों का हनन है.
सरकार की इस कार्रवाई से आम जनता में भय का माहौल भी बन रहा है. याचिका खारिज होने के बाद याचिकाकर्ता ने स्पष्ट किया कि उनकी मूल मंशा याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट को सरकार की कार्यशैली से अवगत कराना था.
बता दें रामनवमी की शोभा यात्रा के दौरान खरगोन में हिंसा होने के बाद शिवराज सरकार ने आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाने का आदेश दिया था. इसके बाद पत्थरबाजी के कई आरोपियों के घर को बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर दिया गया था.
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