केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ग्वालियर दौरे से शहर का कुछ हद तक भला हो गया. गृह मंत्री का काफिला जिन रास्तों से गुजरा, वहां की बदहाल और गड्ढेदार सड़कों की सूरत रातों-रात बदल दी गई. हालांकि, प्रशासन की यह 'तेजी' अब विवादों के घेरे में है. स्थानीय निवासी इसे घटिया निर्माण बताकर विरोध दर्ज करा रहे हैं.
दरअसल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिाहरी वाजपेयी की जन्मभूमि ग्वालियर में 'अभ्युदय मध्य प्रदेश ग्रोथ समिट' का उद्घाटन किया और 2 लाख करोड़ रुपए की औद्योगिक परियोजनाओं का शिलान्यास किया.
इस VVIP दौरे को देखते हुए ग्वालियर प्रशासन और नगर निगम ने उन सड़कों को दुरुस्त कर दिया, जिन पर से होकर अमित शाह को गुजरना था. आनन-फानन में सड़कों का निर्माण कर दिया गया है. रातो-रात सड़कों के गड्ढे भर दिए गए और सड़कें चमका दी गईं.
हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के समय ग्वालियर शहर की सड़क सबसे ज्यादा बदहाल हो गई थी, उस वक्त जब सड़क बनाने की मांग उठी थी तो यह बात सामने आई थी कि सरकार के पास फंड नहीं है, लेकिन अब अमित शाह के आगमन को देखते हुए सड़क बना दी गई हैं. लेकिन सड़कों का यह निर्माण भी घटिया हो रहा है.
बता दें कि ग्वालियर में बारिश के समय सड़कों के टूटने और धंसकने की घटनाएं देश भर में सुर्खियां बनी थीं, अब ऐसे में केंद्रीय गृहमंत्री के आने पर उन सभी सड़कों को दुरुस्त कर दिया गया. शहर के लोग अब सोशल मीडिया और सड़कों पर प्रशासन के इस 'दोहरे मापदंड' पर चुटकी ले रहे हैं कि आम जनता के लिए जो सड़क 'फंड की कमी' के कारण नहीं बन पा रही थी, वह नेताजी के लिए घंटों में कैसे तैयार हो गई.
एक स्थानीय निवासी चतुर्भुज धनौलिया ने कहा, "रोड पहले बहुत खुदी थी, तब भाजपा सरकार कहती थी कि रोड बनाने के लिए पैसे नहीं हैं. लेकिन अमित शाह आ रहे हैं तो आनन-फानन में रोड डाली जा रही है. यह रोड भी बेहद घटिया क्वालिटी की है. जनता की टैक्स की मेहनत की कमाई इस तरह ठेकेदारों पर लुटाई जा रही है. ऐसे घटिया निर्माण करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए."