मध्य प्रदेश के दमोह जिले में स्थित मिशन हॉस्पिटल का लाइसेंस बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने सस्पेंड कर दिया. यह कार्रवाई अस्पताल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम द्वारा की गई अनाधिकृत सर्जरी और मरीजों की मौत के मामले में की गई है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. मुकेश जैन ने बताया कि अस्पताल का लाइसेंस 31 मार्च 2025 को समाप्त हो गया था. दिसंबर 2024 में प्रबंधन ने लाइसेंस रिन्यू करने का आवेदन किया था, लेकिन अस्पताल में कई कमियां पाए जाने के कारण उसे लौटा दिया गया था. तय समय में आवेदन दोबारा न करने के कारण अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया.
फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट ने अस्पताल में की सर्जरी
साथ ही उन्होंने बताया कि अस्पताल को नए मरीजों को भर्ती न करने और पहले से भर्ती मरीजों को दमोह जिला अस्पताल में शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं. अस्पताल में कैथ लैब (Cath Lab) और अन्य विभागों को चलाने के लिए डॉक्टर तक मौजूद नहीं थे.
इससे पहले पुलिस ने अस्पताल की कैथ लैब को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्टर्ड कराने के मामले में नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिसमें अस्पताल निदेशक भी शामिल है. बताया जा रहा है कि जबलपुर के डॉक्टर अखिलेश दुबे के हस्ताक्षर फर्जी तरीके से इस्तेमाल किए गए.
प्रशासन ने अस्पताल का लाइसेंस किया सस्पेंड
फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव को पुलिस ने 8 अप्रैल को प्रयागराज (यूपी) से गिरफ्तार किया. उस पर सात मरीजों की मौत के बाद फर्जी डिग्री और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है. वह खुद को UK का कार्डियोलॉजिस्ट ‘डॉ. नरेंद्र जॉन कैम’ बताता था.