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जबलपुर: धर्मगुरु के साथ मारपीट से सड़कों पर उतरा ईसाई समुदाय, FIR न होने पर रामनवमी के बाद विरोध-प्रदर्शन की दी चेतावनी

MP News: धर्मांतरण के आरोपों को लेकर धर्मगुरु के साथ मारपीट से गुस्साया ईसाई समुदाय सड़कों पर उतर पड़ा. ईसाई समुदाय से जुड़े लोग सैकड़ों की तादाद में एसपी कार्यालय पहुंचे. रांझी थाने में ईसाई धर्मगुरु फादर डेविस जॉर्ज और अन्य के साथ हुई मारपीट पर आक्रोश जताया. विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से जुड़े कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवाज़ उठाई.

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एसपी कार्यालय पहुंचे सैकड़ों की तादाद में ईसाई लोग.
एसपी कार्यालय पहुंचे सैकड़ों की तादाद में ईसाई लोग.

MP News: जबलपुर में रांझी पुलिस स्टेशन परिसर में दो पादरियों पर हमले के बाद ईसाई समुदाय में गुस्सा भड़क उठा है. राष्ट्रीय ईसाई महासंघ (RIM) ने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस तीन दिन पहले हुए इस हमले के लिए जिम्मेदार दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में विफल रहती है, तो वे रामनवमी के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे.

घटना 31 मार्च को हुई, जब जबलपुर कैथोलिक डायोसीज के पादरी जनरल फादर डेविस जॉर्ज और डायोसीज कॉरपोरेशन के सचिव फादर जॉर्ज थॉमस पर रांझी थाने में हमला किया गया. सेंट एलॉयसियस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य और तीन राष्ट्रीय पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता फादर डेविस सहित कम से कम 6 लोगों पर यह हमला हुआ. 

आरआईएम के जबलपुर जिला समन्वयक अतुल जोसेफ ने कहा, "तीन दिन बीत गए, लेकिन अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई. यह हमला लेंट के दौरान और पुलिस की मौजूदगी में हुआ. हम चुप नहीं बैठेंगे. रामनवमी के बाद जबलपुर बंद का आह्वान भी संभव है."

जोसेफ के अनुसार, मंडला जिले से करीब 50 आदिवासी ईसाई तीर्थयात्रियों की बस को दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने रांझी थाने ले जाकर उन पर धर्मांतरण का आरोप लगाया. फादर डेविस, फादर थॉमस और सेंट पीटर्स और पॉल कैथेड्रल के सचिव फेलिक्स बारला उनकी मदद के लिए थाने पहुंचे थे, जहां उन पर धक्का-मुक्की और थप्पड़ मारे गए. एक वायरल वीडियो में एक महिला को पादरी को थप्पड़ मारते देखा गया. बाद में पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर कर तीर्थयात्रियों और पादरियों को रिहा किया.

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रांझी क्षेत्र के पुलिस अधिकारी सतीश कुमार साहू ने कहा, "जांच चल रही है. पीड़ितों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और जल्द ही एफआईआर दर्ज होगी." हालांकि, फादर डेविस से संपर्क नहीं हो सका, उनके सहयोगियों ने बताया कि वह अस्वस्थ हैं.

इससे पहले मंगलवार को भी 500 से अधिक ईसाइयों ने विरोध प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पादरियों पर हमला तब हुआ, जब वे हिरासत में लिए गए आदिवासी ईसाइयों की मदद के लिए गए थे. सोशल मीडिया पर विरोध के दौरान रोते हुए समुदाय के सदस्यों के वीडियो वायरल हुए, जिसमें फादर डेविस की पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के साथ तस्वीरें भी साझा की गईं.

बिशपों के राष्ट्रीय निकाय ने 1 अप्रैल को इसे "धार्मिक स्वतंत्रता और मानवीय गरिमा पर हमला" करार देते हुए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की. राष्ट्रीय ईसाई महासंघ के अध्यक्ष अरविंद एंड्रूज ने कहा, "दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए." वहीं, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा ने जांच और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया.

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