मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में साइबर ठगों की झूठी ‘आतंकी फंडिंग’ धमकी से घबराए 68 साल के एक सीनियर एडवोकेट ने आत्महत्या कर ली. मृतक ने सुसाइड नोट में इसका ज़िक्र भी किया है. फ़िलहाल पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है.
घटना जहांगीराबाद इलाके की है. यहां सीनियर एडवोकेट शिवकुमार वर्मा का शव पुलिस ने उनके कमरे से बरामद किया. मृतक का बेटा पुणे में जॉब करता है, जबकि घटना के वक्त मृतक की पत्नी और बेटी दिल्ली गए हुए थे.
दरअसल, सोमवार रात को पत्नी के कई बार कॉल करने पर भी शिवकुमार वर्मा ने जब फोन नहीं उठाया तो किराएदार को कॉल कर पति को देखने घर भेजा. किराएदार ने खिड़की से झांककर देखा तो शिवकुमार फंदे से लटके हुए थे. तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दी गई. पुलिस ने फंदे से उतारकर शिवकुमार को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
'मैं अपनी मर्जी से...'
कमरे की तलाशी के दौरान पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें लिखा है 'मैं अपनी मर्जी से आत्महत्या कर रहा हूं. क्योंकि मेरा नाम किसी शख्स ने HDFC बैंक में फर्जी खाता खुलवाकर पहलगाम आतंकी आसिफ के साथ जोड़ दिया है. मेरे ऊपर देशद्रोही की छाप लगने से मैं सह नहीं पाऊंगा.'
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भोपाल गैस कांड में भी कर चुके थे सेवा
सुसाइड नोट में शिवकुमार ने भोपाल गैस त्रासदी में सेवा का भी जिक्र किया है और लिखा है, "भोपाल गैस त्रासदी के दौरान मैंने सैकड़ों मृतकों का अंतिम संस्कार कराया था. उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मेरी सेवा को देखते हुए एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई थी. मैं करीब 50 बार रक्तदान कर कई लोगों की जान भी बचा चुका हूं."
भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने आजतक के साथ बातचीत में बताया, "मोबाइल की जांच जारी है. जहांगीराबाद थाना क्षेत्र में डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है, जिसमें एक शख्स ने डिजटली अरेस्ट से घबराकर आत्महत्या की है. सुसाइड नोट में जिक्र किया है कि उसका बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर किसी घटना में उपयोग किया गया है. पुलिस ने सभी तथ्यों को इकट्ठा कर लिया है. जल्द ही आरोपियों को पकड़ा जाएगा."