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हिंदी साहित्य में कैसे दी 'बेज़ुबानों को ज़ुबान', आजतक पर लेखक-लेखिकाओं ने शेयर किए अनुभव

हिंदी साहित्य में कैसे दी 'बेज़ुबानों को ज़ुबान', आजतक पर लेखक-लेखिकाओं ने शेयर किए अनुभव

दिल्ली में 'साहित्य आजतक 2025' का मंच सज गया है. जिसमें पहले दिन 'हिंदी साहित्य की नई पहचान - बेज़ुबानों की ज़ुबान' में लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ, निधि अग्रवाल और लेखक अमित तिवारी ने शिरकत की. इस दौरान तीनों ने बेजुबान पशुओं पर ल‍िखे गए साहित्य पर विस्तार से चर्चा की. देखें वीडियो.

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