लखनऊ के प्रसिद्ध व्यंग्यकार गंभीर बालेन्दु द्विवेदी, अनूप मणि त्रिपाठी और अलंकार रस्तोगी ने आज तक साहित्य के कार्यक्रम में व्यंग्य और स्टैंड-अप कॉमेडी पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि आज के युवा कॉमेडियन किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. लेकिन साथ ही उन्होंने संसद में होने वाली अभद्र भाषा पर भी सवाल उठाए. व्यंग्यकारों ने कहा कि कॉमेडी के लिए सीमा रेखा तय होनी चाहिए, लेकिन युवाओं को माफ कर देना चाहिए. उन्होंने सोशल मीडिया के दौर में व्यंग्य की चुनौतियों पर भी बात की.