फेमस एक्टर्स कृतिका कामरा और सुहैल नायर ने साहित्य आजतक के मंच पर शिरकत की. एक्टर्स ने अपने करियर के शुरुआत, नेपोटिज्म सोशल मीडिया गेम चेंज जैसे मुद्दे पर बात की. सुहैल ने जहां बताया कि वो शुरू से एक्टर ही बनना चाहते थे, वहीं कृतिका ने कहा कि वो कई ऑप्शन छोड़कर एक्टिंग में आईं. दोनों ने साथ में सारे जहां से अच्छा वेब सीरीज की है, जिसे अच्छा रिस्पॉन्स मिला है.
कैसे हुई करियर की शुरुआत?
इंडस्ट्री वर्क एथिक्स पर अपनी राय देते हुए कृतिका बोलीं- ओटीटी सबसे बेहतर तरीके से एक्टर्स को इस वक्त ट्रीट कर रहा है. इससे अच्छा कुछ और हो ही नहीं सकता. हमारी भी वेब सीरीज आई है.
कृतिका ने साइंस, फैशन छोड़कर एक्टिंग में करियर बनाया. इसके बारे में बात करते हुए वो बोलीं- मैंने कभी ट्रेनिंग नहीं ली थी एक्टर बनने की, मैं तो निफ्ट में फैशन डिजाइनिंग कर रही थी, सब छोड़कर मुंबई जा रही थी. फैकल्टीज से बहुत डांट पड़ी थी कि ऐसे ही सीट नहीं मिलती है. तुम सब छोड़कर जा रही हो. ये मुश्किल था लेकिन मेरे पेरेंट्स ने हमेशा मुझे सपोर्ट किया. हालांकि मैंने इससे पहले भी उन्हें एक झटका दिया था. मैं मेडिकल की तैयारी के लिए कोटा भी गई थी. वो भी छोड़ दिया था. मैं मध्य प्रदेश से हूं, वहां कोई ऐसा नहीं सोचता बचपन से की एक्टर बनना है. मेरे लिए ये कभी कोई ऑप्शन ही नहीं था. काश सोचा होता.
सुहैल ने कहा कि साहित्य आजतक का मैं शुरू से फैन रहा हूं. मुझे हमेशा से अच्छा लगता है. अपने करियर के शुरुआती दौर पर बात करते हुए सुहेल ने कहा कि- इंडस्ट्री मेरे लिए एलियन जैसी रही है. जब घर पर पापा को बताया था कि एक्टर बनना है. तब वो भी बोले थे कि- ये कैसे बनते हैं. मैंने एफटीआईआई जॉइन किया था. मैंने अपने घर पर बताया नहीं था एडमिशन लेने से पहले. जब दो राउंड क्लियर किया तब बताया.
सोशल मीडिया चेंज
कृतिका ने सोशल मीडिया चेंज पर बात करते हुए कहा कि आज की तारीख में ये गेम बदल चुका है, अगर आपके अंदर टैलेंट है तो एक दिन दिख ही जाता है. आपके पास बस एक फोन और इंटरनेट कनेक्शन होना जरूरी है. कोई भी कुछ भी कर सकता है. अपनी किस्मत बदलने के लिए मुंबई जाना ही जरूरी नहीं है.
वहीं सुहैल ने कहा मैं इतना इन चीजों में नहीं पड़ता लेकिन मैं इसे बहुत अच्छा मानता हूं. ये बहुत सही चीज है, हर कोई कुछ भी कर सकता है.
नेपोटिज्म से पड़ा असर
सुहैल ने आगे नेपोटिज्म पर बात करते हुए कहा कि मुझे उड़ता पंजाब से ब्रेक मिला था. मैंने ऑडिशन दिया था और सिलेक्ट हुआ था. उस किरदार ने सच में मुझे पहचान दिलाई. लेकिन मुझे कोफ्त होती है जब किसी एवरेज एक्टर को मौका मिलता है. मुझे नेपोटिज्म से दिक्कत नहीं है, हमारे पास रणबीर कपूर और आलिया भट्ट जैसे अच्छे एग्जाम्पल हैं. आउटसाइडर्स भी बहुत अच्छे एक्टर्स हैं. लेकिन जब किसी ऐसे को मौकै मिलता है जो इस लायक नहीं हैं, तो बुरा लगता है.
कृतिका ने कहा कि मैं आज भी खुद को आउटसाइडर मानती हूं, क्योंकि मुझे अंदर की मार्केटिंग गेम का अंदाजा नहीं है. मैंने सीरियल से शुरुआत की थी, जो बहुत सिंपल सा था. कोई बड़ा सेट या कुछ और नहीं था. आज भी उसी तरह काम कर रही हूं. चाहे ओटीटी ही क्यों ना हो.
सारे जहां से अच्छा सीरीज के बारे में....
कृतिका ने कहा कि सुहैल और मेरा एक ही सीन है, साथ में वैसे. एक्ट्रेस ने सुहेल की तरीफ करते हुए कहा कि वो बड़ी ही बारीकी से अपने काम को करते हैं. वो रोल में इतना घुस जाते हैं कि आप पहचान नहीं पाएंगे. वहीं सुहैल ने कहा कि- कृतिका ने पाकिस्तानी जर्नलिस्ट का किरदार निभाया है, और उन्होंने जो जुबान पकड़ी है, वो काबिल-ए-तारीफ है. वो बहुत ग्रेट आर्टिस्ट हैं, ये उस एक जुबान से ही पता चलता है.
पक्षपाती है फिल्म इंडस्ट्री
कृतिका ने मिसॉजिनी सोच के बारे में बात करते हुए कहा कि- ये हर फील्ड में है. इंडस्ट्री में आपके पास एक ही ऑप्शन होता है ऑडिशन दो और काम पाओ. मैं किसी और कुछ साबित करने की बजाए खुद को साबित करने में विश्वास करती हूं. आप बाकी सारी चीजें कर सकते हो, लेकिन इससे कभी गलत नहीं हो सकते. हमारा जो काम है वो हमें करना ही है अगर कोई प्रोजेक्ट बड़े स्केल पर होगा तो वहां हम दिखाई नहीं देंगे. ये तो सभी जानते हैं. पक्षपात हर जगह है.
सुहैल की अधूरी ख्वाहिश
सुहैल ने एक अधूरी इच्छा को जाहिर करते हुए बताया कि- जब हम शर्मा जी नमकीन की शूटिंग कर रहे थे, मैं मेरे पेरेंट्स को ऋषि कपूर जी से मिलाना चाहता था. उन्होंने भी कहा था कि हां मैं मिलना चाहूंगा. लेकिन जब शूटिंग शूरू हुई तो मैंने बुलाया इन्हें लेकिन तब तक उनकी तबीयत खराब हो गई. और मिलना नहीं हो पाया.
इसी के साथ सुहैल ने बताया कि उन्होंने अपने माता-पिता के नाम का टैटू बनवाया हुआ है. मां का नाम गीता उर्दू में लिखा है जबकि पिता का नाम संजीव हिंदी में लिखा है. इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि कहा जाता है कि उर्दू सिर्फ एक धर्म की जुबान है. जो कि सही नहीं है.
भावुक हुईं कृतिका
बातचीत के दौरान कृतिका से एक फैन ने सेल्फी की मांग की और बताया कि वो उन्हें उनकी सीरियल के दिनों से फॉलो कर रही हैं. कृतिका ने फैन की ख्वाहिश पूरी की और मुलाकात की, लेकिन ये देखकर कि वो कांप रही है. कृतिका भी इमोशनल हो गईं और कहा कि- मुझे नहीं लगता कि मैं इतना प्यार डिजर्व करती हूं.
फीमेल लीड फिल्में ज्यादा नहीं बनती
ड्रीम रोल पर बात करते हुए सुहैल ने कहा कि वो किलर और म्यूजिशियन का किरदार करना चाहेंगे. वहीं कृतिका ने बताया कि वो फीमेल लीड किरदार करना चाहती हैं. जो उनके नाम से जाना जाए.
कृतिका ने आगे कहा कि- इन दिनों दिल्ली क्राइम जैसी कई सीरीज आ रही हैं, लेकिन ये आज भी डिबेट करने लायक है. जमीनी स्तर पर कहां है. हमारे यहां ढर्रे पर सब चलते हैं, अगर महिला स्ट्रॉन्ग है तो मैस्क्युलिन दिखाएंगे, एक्शन करती है तो घरेलु नहीं है. हमेशा एक ही ट्रेंड को फॉलो किया जाता है. लेकिन महिलाओं के लेयर को हमेशा डिजायर के तौर पर दिखाया जाता है. जो कि सही नहीं है. अगर फीमेल लीड है तो फिर मेल हीरो को क्यों ढूंढा जाता है.
वहीं सुहैल ने कहा कि जैसे वेक अप सिड है वैसे ही वेक अप शालिनी क्यों नहीं है. इस तरह से लोग सोचते ही कम हैं. महिलाओं के किरदार में बहुत गहराई है इस पर काम ही नहीं किया जाता है. लेकिन अब उम्मीद है, बहुत अच्छे राइटर्स हैं.
इसके बाद कृतिका ने आगे कहा कि- महिलाओं को लेकर ज्यादा क्राइम ड्रामा ही दिखाया जाएगा, वहां भी लेकिन उसे मर्दाना दिखा दिया जाएगा. ऐसा जरूरी क्यों है. मुझे नहीं लगता कि महिलाओं के बिना किसी मर्द का भी कोई इमोशनल साइड हो सकता है. लेकिन फिर भी इस तरह से कहानी को मोड़ दिया जाता है और पूरी पिक्चर बना दी जाती है.
सुहैल बोले कि- बीच-बीच में कोई ऐसी कहानी आती है जिससे लगता है हम आगे बढ़ रहे हैं. लेकिन फिर एक ऐसी फिल्म आती है जिसके बाद हम चार कदम पीछे चले जाते हैं.
जाते-जाते कृतिका कामरा और सुहैल नायर ने फैन के कहने पर कमरिया गाने पर डांस परफॉर्मेंस भी दी.