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रामायण शो करने के बाद कैसे टाइपकास्ट होने से बचे गुरमीत चौधरी? घर पर बैठे डेढ़ साल, फिर बदली इमेज

गुरमीत चौधरी ने यूं तो कई शोज और फिल्मों में काम किया है, लेकिन उन्हें फेम मिला 2008 में आए माइथोलॉजिकल शो रामायण से. राम के रोल में हिट होने के बाद कैसे वो खुद की अलग छवि बनाने में कामयाब हुए?

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गुरमीत चौधरी (Credit: K Asif)
गुरमीत चौधरी (Credit: K Asif)

साहित्य आजतक 2024 के तीसरे दिन नेटफ्लिक्स की सीरीज 'ये काली काली आंखें' की स्टारकास्ट गेस्ट बनी. ताहिर राज भसीन, श्वेता त्रिपाठी, गुरमीत चौधरी, आंचल सिंह ने सीरीज के बारे में बात की. पहला सीजन 2022 में आया था. हाल ही में सीजन 2 स्ट्रीम हुआ है. स्टारकास्ट ने बताया कि ऑडियंस को सीजन 2 में क्या कुछ नया देखने को मिलेगा. उनके किरदार में क्या बदलाव आया है. जानें सीरीज के सितारों ने क्या-क्या बातें कीं.

कैसे टाइपकास्ट होने से बचे गुरमीत? 
गुरमीत चौधरी ने यूं तो कई शोज और फिल्मों में काम किया है, लेकिन उन्हें फेम मिला 2008 में आए माइथोलॉजिकल शो रामायण से. राम के रोल में हिट होने के बाद कैसे वो खुद की अलग छवि बनाने में कामयाब हुए? एक्टर ने कहा- इंडस्ट्री में लोग टाइपकास्ट करते हैं. 24-25 साल में रामायण शो किया. वो मेरा और देबीना का पहला काम था. सेट पर लोग आकर हमें पैसे चढ़ाते थे. एक टाइम के बाद लगता है अलग किरदार भी करने हैं. मैंने 1.5 साल में काफी कुछ सीखा. रामायण से निकला तो डर था ऐसे किरदार फिर ना आए. 1 से डेढ़ साल तक ऐसे ही किरदार आए लेकिन मैंने नहीं किए, मैं वहां रुका, तब फिर नए किरदार आने लगे. 

गुरु ने फिटनेस पर कहा- सलमान सर की बॉडी देखकर बड़े हुए हैं. खाना पीना बहुत जरूरी है. मैंने 1.5 साल से शुगर नहीं लिया. रोटी-चावल खाए भी वक्त हो गया है. आपका डाइट, डिसिप्लेन जरूरी है. ये मैं एक्टिंग के लिए नहीं करता. मुझे फिट रहना है. क्योंकि आपको 24 घंटे शूट करना होता है. अच्छी फिटनेस से मैं अच्छा काम कर पाऊंगा. गुरमीत ने कहा दिल्ली में डाइट नहीं हो सकती. यहां जब भी आता हूं चीट मील हो जाती है. यहां रहूंगा तो 8 पैक्स गायब हो जाएंगे. 

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क्या सिनेमा को ओटीटी से नुकसान है?
ताहिर ने कहा- ओटीटी और सिनेमा दोनों की बैक टीम सेम होती है. कुछ कहानियां होती हैं जो 2 घंटे में बताई जाई तो अच्छी हैं. कुछ कहानियां चैप्टर वाइज चलती हैं. ये दोनों टाइप एकसाथ को-एक्सिजिस्ट कर सकते हैं. ओटीटी-सिनेमा में फर्क नहीं है. आज के टाइम पर ओटीटी बड़ा हो गया है. इसमें बहुत कंटेंट है इसे पूरी दुनिया के लोग देख सकते हैं. एक अच्छी सीरीज या फिल्म ओटीटी पर आए तो क्यों नहीं चलेगी. कई फिल्में ओटीटी पर आकर बड़ी हिट रही है. श्वेता त्रिपाठी ने कहा- ओटीटी पर हम साफ सफाई करके नहीं दिखाते इसलिए वो ज्यादा रिलेटेबल रहता है. ऑनस्क्रीन मैंने गोलू जैसी लड़की वैसा किरदार नहीं देखा है.

लव लाइफ पर बोले ताहिर- आंचल
ताहिर ने लव लाइफ पर बात करते हुए कहा कि कॉलेज में कई बार आशिकी की है. कॉलेज में मेरे एक तरफा प्यारा ज्यादा होते थे. हर हफ्ते में प्यार बदलते थे. अभी मेरे जीवन में प्यार है. वहीं आंचल ने कहा अभी मेरा फोकस काम पर है, लव लाइफ को लेकर वक्त नहीं है.  

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