आजतक के मंच पर साहित्य के सितारों का महाकुंभ जारी है. साहित्य आजतक के डिजिटल संस्करण e-साहित्य आजतक के मंच पर दूसरे दिन प्रख्यात लेखक अशोक वाजपेयी ने शिरकत की. इस दौरान अशोक वाजपेयी ने माना साहित्य एक व्यसन है. हमारा जीवन नियमित हो गया है. कोरोना के बाद इनसान बहुत व्यवस्थित हो गया है. लेखक अशोक वाजपेयी का कहना है कि बरतन धोना भी एक कला है. यह बहुसाध्य काम है. बरतन के धोने ने सिखाया कि जीवन के छोटे-छोटे मूल्यों व गतिविधियों को जिन्हें हम अनदेखा कर देते थे, वे वाकई बड़ी हैं. देखिए ये वीडियो.