जयपुर के टूरिज्म पर नोटबंदी का कोई असर नहीं दिख रहा है. यहां टूरिस्टों की संख्या इतनी बढ़ी है कि हर तरफ जाम लगा हुआ है और होटलों में कमरे नहीं मिल रहे हैं. टूरिस्ट प्लेस की टिकट खिड़कियों पर ऐसी भीड़ लगी है, मानो किसी एटीएम पर लोग पैसे निकालने के लिए खड़े हों.
हालांकि नवंबर में टूरिस्टों की संख्या में नोटबंदी की वजह से कमी जरूर आई थी, पर दिसंबर में टूरिस्टों की संख्या बढ़ी है. जयपुर की तरह ही उदयपुर और जैसलमेर में भी भारी संख्या में टूरिस्ट आ रहे हैं.
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राजपूताना टूर एवं ट्रैवेल्स के संजय कौशिक का कहना है कि शुरुआत में दिक्कतें हुई थी, लेकिन अब लोग घूमने आने लगे हैं. हालांकि विदेशी टूरिस्ट कम आ रहे हैं, लेकिन इसकी वजह ग्लोबल मंदी है.
नई दिल्ली से आई टूरिस्ट सानिया सिंह कहती हैं कि वे क्रिसमिस और न्यू ईयर मनाने के लिए जैसलमेर आई हैं, वे खूब इंजोय कर रही हैं, हालांकि नोटबंदी के कारण कुछ दिक्कत आ रही हैं, लेकिन उसके बावजूद वे अपने परिवार के साथ छुट्टियां व्यतीत कर रही हैं.
जैसलमेर में टूरिस्टों की संख्या बढ़ने की वजह से होटल और गेस्ट हाउस पूरी तरह फुल हो चुके हैं. ऐसे में टूरिस्ट स्थानिय लोगों के घरों में रुके हैं.

प्रमुख होटल व्यवसाई मयंक कुमार कहते हैं कि जैसलमेर में नया साल मनाने के लिए रिकॉर्ड सैलानी का आगमन हो रहा हैं. नोटबंदी से पर्यटन व्यवसाय में किसी प्रकार का कोई फर्क नहीं पड़ा हैं. होटलों में नोरुम की स्थिति बनी हुई हैं.
हालांकि नवंबर में नोटबंदी की वजह से पिछले साल की तुलना में देशी टूरिस्टों की संख्या घटी थी जबकि पहले से बुक करा रखे विदेशी टूरिस्टों की संख्या पिछले साल की तुलना में बढ़ी थी. पर दिसंबर में उल्टा हो रहा है, पिछले साल की तुलना में देशी टूरिस्ट बढ़े हैं तो वहीं विदेशी टूरिस्ट घटे हैं.
आंकड़ों पर एक नजर