अगर आप दिल्ली के किसी पर्यटन स्थल घूमने की तैयारी में हैं तो कैश का इंतज़ाम जरूर कर लें. क्योंकि राजधानी के पर्यटन स्थलों पर ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा नहीं होने से आपको निराशा हाथ लग सकती है.
फिर चाहे वो दिल्ली का लाल किला हो, या हुमायूँ का मकबरा... या फिर क़ुतुब मीनार... किसी भी पर्यटन स्थल पर एंट्री टिकट खरीदना जरुरी है. देसी पर्यटकों के लिए तो टिकट के दाम कम हैं लेकिन विदेशी सैलानियों के लिए कही 200 रूपये तो कहीं 500 रूपये टिकट है. लिहाज़ा नई करंसी की कमी की वजह से विदेशी सैलानियों वापस लौट रहे हैं.
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दरअसल राजधानी के खूबसूरत पर्यटन स्थलों पर अगर आप किसी तरह के डेबिट/क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना चाहेंगे तो उसके लिए कोई स्वाइप मशीन ऐसी जगहों पर उपलब्ध नहीं है. यहां तक की आप ई-वॉलेट या पेटीएम का भी इस्तेमाल टिकट खरीदने के लिए नहीं कर सकते. जो देसी सैलानी 2000 रुपये के नोट लेकर भी टिकट बूथ पर जा रहे हैं उन्हें भी खुल्ले पैसे की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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कनाडा से दिल्ली दर्शन करने पहुंचे विदेशी सैलानियों के समूह को भी कैश की किल्लत की वजह से लाल किला देखना नसीब नहीं हुआ. टिकट काउंटर पर कोई स्वाइप मशीन भी नहीं थी, लिहाजा सैलानियों के समूह को निराश होकर लौटना पड़ा. ये हाल सिर्फ राजधानी का नहीं बल्कि पूरे देश का हैं. एक तरफ तो सरकार लोगों को कैशलेस इंडिया की तरफ ले जा रही है तो वही दूसरी तरफ अभी तक ASI संरक्षित स्मारकों में ऑनलाइन पेमेंट करने के तरीके नहीं अपनाए गए हैं जिससे पर्यटन का भी काफी नुकसान हो रहा है.