क्या ठंड में आपका मिजाज ठीक नहीं रहता और आप बुझे-बुझे से रहते हैं? चिंता मत कीजिये, वैज्ञानिकों का दावा है कि कानों में तेज रोशनी पड़ने के बाद आप इस ‘विंटर ब्लूज’ से छुटकारा पा सकते हैं.
‘विंटर ब्लूज’ को ‘सीजनल इफैक्टिव डिसआर्डर’ (एसएडी) भी कहा जाता है. यह एक तरह का अवसाद है, जो हर साल ठंड में ही होता है.
जब मस्तिष्क को, मूड दुरुस्त रखने के लिए जरूरी हार्मोन सेरोटोनिन का उत्पादन करने के लिए अत्यंत आवश्यक दिन की रोशनी पर्याप्त रूप से नहीं मिलती, तो व्यक्ति ‘विंटर ब्लूज’ का शिकार हो जाता है.
अब फिनलैंड की ओउलू यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने एक नयी तकनीक विकसित की है, जिसकी सहायता से कानों के जरिये सीधे मस्तिष्क में तेज रोशनी पहुंचाई जा सकती है. फिनलैंड में एसएडी के मामलों की दर अत्यधिक है.
यह तकनीक इस खोज पर आधारित है कि आंखों की तरह ही मस्तिष्क भी प्रकाश के प्रति संवेदनशील होता है और इसके ‘फोटोरिसेप्टिव’ भाग इस प्रकाश को ग्रहण कर इसका इस्तेमाल हमारी जैविक घड़ी को सही बनाए रखने में करते हैं. अध्ययन के नतीजे ‘डेली टेलीग्राफ’ में प्रकाशित हुए हैं.