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रात में बच्चे को सुलाने में हो जाती है हालत खराब? इन 9 टिप्स को कर लें फॉलो

कई बार हेल्दी नींद की आदतों पर काम करना जिसे स्लीप हाइजीन भी कहा जाता है उन्हें बेहतर नींद पाने में मदद कर सकती हैं. स्लीप हाइजीन पर काम करना हर किसी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, खासकर नींद ना आने की समस्या से पीड़ित बच्चों और वयस्कों को.

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कुछ टिप्स बच्चों को बेहतर नींद पाने में मदद कर सकते हैं.
कुछ टिप्स बच्चों को बेहतर नींद पाने में मदद कर सकते हैं.

बच्चों और किशोरों के लिए ऐसे दौर से गुज़रना सामान्य है, जहाँ उन्हें रात में अच्छी नींद लेने में परेशानी होती है. कई बार हेल्दी नींद की आदतों पर काम करना जिसे स्लीप हाइजीन भी कहा जाता है उन्हें बेहतर नींद पाने में मदद कर सकती हैं. स्लीप हाइजीन पर काम करना हर किसी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, खासकर नींद ना आने की समस्या से पीड़ित बच्चों और वयस्कों को.

बच्चों को बेहतर नींद लाने में इन चीजों से मिल सकती है मदद

बैड टाइम रूटीन फॉलो करें-   इसमें गर्म पानी से नहाना या शॉवर लेना, आरामदायक संगीत सुनना, कैमोमाइल चाय पीना, गहरी साँस लेना या हल्की स्ट्रेचिंग जैसी एक्टिविटीज शामिल हो सकती हैं. कोई भी ऐसी चीज़ जो आपके बच्चे को स्ट्रेस फ्री और शांत महसूस कराने में मदद करे, काम आ सकती है.

रात में ब्राइट लाइट और इलेक्ट्रॉनिक्स का इस्तेमाल सीमित करें- शाम को मंद, वॉर्म रंग की रोशनी का इस्तेमाल करने की कोशिश करें. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलने वाली तेज और नीली रोशनी को सीमित करें और अगर डिवाइस में "नाइट सेटिंग" है तो उसका इस्तेमाल करें. एक्सपर्ट्स सोने से कम से कम एक घंटे पहले स्क्रीन को दूर रखने की सलाह देते हैं.

रेगुलर स्लीप शेड्यूल- हर दिन लगभग एक ही समय पर बिस्तर पर जाना और जागना सर्कैडियन रिदम या शरीर की आंतरिक घड़ी को रीसेट करने में मदद करता है. इससे मेलाटोनिन (एक नींद का हार्मोन) शाम को सही समय पर रिलीज होता है.

रूम टेंपरेचर को करें मेंटेन- बेडरूम को ठंडा, डार्क और शांत रखें. अगर शोर और रोशनी से बचा नहीं जा सकता है, तो अपने बच्चे को इयरप्लग और स्लीप मास्क दें. कमरे को ठंडा रखने के लिए एयर कंडीशनर या पंखा चलाएं.

पूरी नींद लें-   स्कूल जाने वाले बच्चों को रोज रात लगभग 9-12 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है, जबकि वयस्कों को लगभग 8-10 घंटे की जरूरत होती है. नोट: कुछ बच्चों और किशोरों को दूसरों की तुलना में अधिक नींद की आवश्यकता होती है, इसलिए जो लोग अक्सर थके रहते हैं वे शायद अपनी नींद को पूरी नहीं करते हैं.

जागने के तुरंत बाद कुछ देर धूप में रहें-  जागने के तुरंत बाद सूरज की रोशनी देखने से आपके मस्तिष्क को पता चलता है कि अब मेलाटोनिन उत्पादन को धीमा करने और दिन के लिए तैयार होने का समय आ गया है.

कैफीन से बचें-  विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि छोटे बच्चों को कैफीन नहीं लेना चाहिए. व्यस्क थोड़ी मात्रा में कैफीन ले सकते हैं (प्रतिदिन 100 मिलीग्राम या 1 कप कॉफी से ज़्यादा नहीं), लेकिन सभी के लिए दोपहर 3 बजे के बाद कैफीन न लेना सबसे अच्छा है.

नाप को लिमिट करें- जब तक आपके बच्चे को नैप की बहुत ज्यादा जरूरत ना हो उसे सोने ना दें.  अगर आप बच्चे को दिन में जबरदस्ती सुलाएंगे तो इससे बच्चे को रात में नींद आने में दिक्कत हो सकती है और बच्चा देर रात तक जगा रह सकता है.

एक्सरसाइज करें- एक्सरसाइज लोगों को रात में बेहतर नींद दिलाने में मदद करती है, शाम में एक्सरसाइज करने से नींद में खलल पैदा होती है.

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