रिश्ते इमोशनल कनेक्शन पर बनते हैं लेकिन कभी-कभी ये रिश्ते असंतुलित हो जाते हैं. खासकर जब एक साथी लगातार अपने और अपनी भावनाओं पर काबू करने की जगह हर छोटी-बड़ी बात के लिए अपना इमोशनल दबाव दूसरे पर थोपता है तो यह स्थिति रिश्ते में इमोशनल डंपिंग कहलाती है.
इससे रिश्ते में दूसरा व्यक्ति थका हुआ, अनसुना और यहां तक कि खुद को काफी परेशान महसूस कर सकता है. आपको कैसे पता चलेगा कि आप अपने रिश्ते में इमोशनल डंपिंग का शिकार हो रहे हैं.
साइकोलॉजिस्ट, रिलेशनशिप एक्सपर्ट और सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. पावना एस ने ऐसी कई स्थितियों के बारे में बताया है जो आपको इशारा करती हैं कि आप इमोशनल डंपिंग का सामना कर रहे हैं.
1.क्या आपका साथी आपके बारे में पूछे बिना लगातार अपनी समस्याओं और चिंताओं के बारे में बात करता है. यह एक रेड फ्लैग है जो बताता है कि रिश्ते में दूसरे की परवाह किए बिना बस एक ही व्यक्ति अपनी चीजें शेयर कर रहा है जो रिश्ते में इमोशनल सपोर्ट में असंतुलन का संकेत देता है.
2.क्या आपका साथी इमोशनल सपोर्ट के लिए पूरी तरह आप पर निर्भर है और बदले में शायद ही आपकी कभी कोई परिस्थिति समझता है या आपको सपोर्ट करता है? हेल्दी रिलेशनशिप में दोनों तरफ से इमोशनल सपोर्ट शामिल होता है, न कि एकतरफा
3.क्या आप अक्सर अपने साथी के साथ बातचीत के बाद भावनात्मक रूप से थका हुआ महसूस करते हैं? यह इमोशनल डंपिंग के नकारात्मक प्रभाव की ओर इशारा करता है जिससे आप कमजोर हो जाते हैं और अपने इमोशनल हेल्थ को खराब कर बैठते हैं.
4.क्या आपको लगता है कि जब आप अपनी भावनाओं को शेयर करने का प्रयास करते हैं तो उन्हें दरकिनार कर दिया जाता है या उन्हें गैर-जरूरी या कमतर बता दिया जाता है? यह उपेक्षापूर्ण व्यवहार आपकी इमोशनल नीड के प्रति सम्मान और सहानुभूति की कमी को दर्शाता है. यह रिश्ते में एक रेड फ्लैग है.
5.क्या रिश्ते में ऐसा महसूस होता है कि आप लगातार सुनने या सिर्फ देखभाल ही करने वाले हैं जबकि आपका साथी पूरी तरह से इमोशनल डंपर है? एक हेल्दी रिलेशनशिप समानता और आपसी सहयोग पर बनता है. इसमें ऐसा नहीं होना चाहिए कि एक देखभालकर्ता और दूसरा उस पर निर्भर मरीज है.
इमोशनल डंपिंग के रिश्ते पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव
इमोशनल डंपिंग व्यक्ति और रिश्ते दोनों के लिए हानिकारक परिणाम हो सकते हैं. इससे एक व्यक्ति को लगातार अपने पार्टनर से प्यार और केयर की जगह इमोशनल प्रेशर, दबाव और नकारात्मकता झेलने को मिलती है.
लंबे समय तक यह स्थिति रिश्ते के प्रति नाराजगी और असंतोष पैदा करती है जिससे संबंध टूट सकता है.