पूरी दुनिया के वैज्ञानिक जहां कोरोना वायरस की दवा ढूंढने में लगे हैं वहीं टेक्सास यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने लामा (ऊंट की एक प्रजाति) में ऐसी क्षमता विकसित कर ली है जो कोरोना वायरस को रोकने में मददगार है. टेक्सास यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी है. वैज्ञानिकों का कहना है कि चार साल के लामा में इस वायरस से लड़ने की शक्ति है. वैज्ञानिकों ने इस लामा को विंटर नाम दिया है.
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टेक्सास यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की एक टीम, National Institutes of Health और बेल्जियम की Ghent University बहुत दिनों से ऐसी एंटीबॉडी की तलाश में थीं जिन्होंने सालों पहले आए SARS या MERS जैसे वायरस का मुकाबला किया था. इसके लिए बेल्जियम के ग्रामीण इलाकों में पाए जाने वाले लामा और भेड़ पर शोध किया जा रहा था.
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वैज्ञानिकों का दावा है विंटर नाम के इस लामा के खून से ऐसी एंटीबॉडी बनाई जा सकती है जो मानव कोशिकाओं को कोरोना वायरस से बचा सकता है. बीमार पड़ने पर ये लामा दो अलग-अलग प्रकार के एंटीबॉडी का उत्पादन करते हैं. इनमें से एक एंटीबॉडी ठीक वैसी ही होती है जैसी इंसानों के इम्यून सिस्टम से बनती है जबकि दूसरी एंटीबॉडी बहुत छोटी होती है.
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वैज्ञानिकों की टीम एक नई एंटीबॉडी बनाने में कामयाब हुई है जो कोरोना वायरस संक्रमण के प्रभावों को बेअसर कर सकती है. एकेडमिक जर्नल सेल में प्रकाशित एक स्टडी में इस बात का दावा किया गया है. हालांकि इस स्टडी की अभी सावधानी से समीक्षा की जा रही है.
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वैज्ञानिकों की टीम अब अन्य स्तनधारी जीवों पर यह परीक्षण करने की योजना बना रही है. टीम ने 2020 के अंत तक इसका मानव परीक्षण शुरू करने की भी उम्मीद जताई है.
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स्टडी के वरिष्ठ लेखक और मॉलिक्यूलर बायो साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर जेसन मैकलेलन ने कहा, 'यह पहली ऐसी एंटीबॉडी है जो SARS-CoV-2 को बेअसर करेगी.' उन्होंने कहा, 'कोरोना का संभावित इलाज वैक्सीन की बजाय एक एंटीबॉडी थेरेपी होगी जो लोगों को तेजी से बचाने का काम करेगी.'
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मैकलेलन ने कहा, 'संक्रमण से सुरक्षा के लिए वैक्सीन को एक या दो महीने पहले लगाना पड़ता है जबकि एंटीबॉडी थेरेपी तुरंत सुरक्षा देने का काम करती है. इससे व्यक्ति उपचार के बाद भी सुरक्षित रहता है. एंटीबॉडी पहले से बीमार किसी व्यक्ति को भी दी जा सकती है.'
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इस स्टडी के शोधकर्ताओं और सह-लेखकों में से एक, डैनियल रैप ने कहा, 'यह मेरे लिए किसी रोमांच से कम नहीं क्योंकि मैं इस पर सालों से काम कर रहा था. हालांकि यह सिर्फ एक बुनियादी शोध था. अब, इसके कुछ संभावित प्रभाव भी हो सकते हैं.'