थूक, जिसे हम लार भी कहते हैं, अब सिर्फ मुंह को गीला रखने के लिए नहीं है. नई रिसर्च से पता चला है कि लार से हमारी सेहत के बारे में कई जरूरी बातें जानी जा सकती हैं. इसमें छोटे-छोटे कण होते हैं जैसे डीएनए, आरएनए, प्रोटीन और फैट्स, जो शरीर के अंदर क्या चल रहा है, उसकी जानकारी देते हैं.
लार की जांच से पता लगाया जा सकता है कि किसी को डायबिटीज (शुगर), पार्किंसंस (नसों की बीमारी), दिल की बीमारी या कैंसर है या नहीं. सबसे अच्छी बात यह है कि इसके लिए खून नहीं देना पड़ता और कोई दर्द भी नहीं होता. यह टेस्ट जल्दी, आसानी से और बिना परेशानी के किया जा सकता है. आने वाले समय में यह डॉक्टरों के लिए बीमारियों का पता लगाने का एक सस्ता और असरदार तरीका बन सकता है.
'स्पेक्ट्रोस्कोपी' जांच की नई तकनीक
अब एक नई तकनीक आई है जिसे रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी कहते हैं. इसमें लार पर खास तरह की रोशनी डाली जाती है ताकि उसमें छिपे कैमिकल बदलाव देखे जा सकें. यह तकनीक इतनी सटीक है कि यह मुंह के कैंसर जैसे रोगों को बहुत पहले ही पकड़ सकती है, जब लक्षण भी नजर नहीं आते. इससे इलाज जल्दी शुरू किया जा सकता है और बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है.
बिना दर्द..बिना झंझट है लार की जांच
लार से जांच करना बहुत आसान है, इसमें न सुई लगती है और न ही दर्द होता है. यह तरीका खून की जांच या बायोप्सी जैसी प्रक्रियाओं से भी आसान और सस्ता है. यहां तक कि यह जांच दांतों के रुटीन चेकअप के दौरान भी की जा सकती है. रिसर्च आगे बढ़ रही है और हो सकता है कि आने वाले समय में लार की जांच से कई बीमारियों का इलाज और भी आसान हो जाए.