अक्सर आपने देखा होगा जब आप सुबह सोकर उठते हैं तो आपकी आंखों के कोनों में एक चिपचिपा पीला सा पदार्थ आ जाता है. कई बार इसके कारण आंखों की पलकें आपस में चिपक भी जाती हैं. इस पदार्थ को म्यूकस यानी बलगम (Mucus) कहा जाता है और वहीं लोग आम भाषा में इसे आंख का 'कीचड़' भी कहते हैं. इस म्यूकस को निकालना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. डॉक्टर के मुताबिक, जिस म्यूकस को आप गंदगी समझकर निकाल रहे हैं, वह आपकी आंखों का सुरक्षा कवच है. सोशल मीडिया पर मशहूर डॉक्टर कुणाल सूद ने इसके ऊपर इंस्टाग्राम वीडियो में बताया है और चेतावनी भी दी है.
क्या है 'म्यूकस फिशिंग' का खतरा?
मैरीलैंड (USA) के डॉक्टर कुणाल सूद के मुताबिक, 'आंखों से बार-बार बलगम खींचकर निकालने की इस आदत को मेडिकल भाषा में 'म्यूकस फिशिंग सिंड्रोम' कहा जाता है. यह आदत भले ही नॉर्मल लगे लेकिन यह आंखों को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकती है.'
'दरअसल, जब आप अपनी आंखों से उस चिपचिपे रेशे को खींचते हैं तो आंखों की नाजुक सतह पर खरोंच आ सकती है. इससे आंखों में जलन और सूजन शुरू हो जाती है, जिसके जवाब में आंखें और भी ज्यादा बलगम बनाने लगती हैं. देखते ही देखते यह एक खतरनाक और दर्दनाक साइकिल बन जाता है.'
आंखों के लिए जरूरी है यह बलगल
हालांकि आपको सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन डॉ. सूद के मुताबिक, आंखों का यह चिपचिपा पदार्थ कोई कचरा नहीं है बल्कि हमारी आंखें लगातार पानी, तेल और बलगम की एक पतली परत बनाती हैं जो उनकी सुरक्षा के लिए होता है. यह मिश्रण आंखों की सतह को नम रखता है, धूल, गंदगी और कीटाणुओं को बाहर निकालने में मदद करता है. जो 'पपड़ी' आपको सुबह दिखती है, वह असल में सूखे हुए आंसू और मृत कोशिकाएं हैं जिन्हें आपकी आंखों ने रात भर साफ किया है.
अंधेपन का भी है खतरा
डॉ. सूद के अनुसार, 'यदि आप बार-बार आंखों को कुरेदकर म्यूकस निकालते हैं तो कॉर्निया (आंख की पुतली) को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है. इससे न सिर्फ इंफेक्शन का जोखिम बढ़ता है बल्कि गंभीर मामलों में दृष्टि (Vision) भी धुंधली हो सकती है या हमेशा के लिए प्रभावित हो सकती है.'