
'सूर्यास्त के बाद खाना नहीं खाना चाहिए. शाम को अंधेरा होने पर खाना नहीं खाना चाहिए...'. ऐसे कई दावे आपने अपने आस-पास सुने होंगे या फिर सोशल मीडिया पर भी कई लोगों को ऐसे दावे करते हुए सुना होगा. लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि आखिर इसके पीछे का क्या कारण है? बहुत् कम लोग इसके पीछे का साइंस जानते होंगे. भारतीय रेसलर संग्राम सिंह ने हाल ही में सेलेब्स न्यूट्रिशनिस्ट रयान फर्नांडो के साथ पॉडकास्ट किया जिसमें उन्होंने बताया है कि शाम को सूर्यास्त के बाद खाना चाहिए या नहीं?
क्या कहा संग्राम सिंह ने?
रेसलर संग्राम सिंह ने पॉडकास्ट में कहा, 'मेरा जो दिल करता है, वो खाता हूं. यही उम्र तो खाने पीने की है. फिर बाद में बुढ़ापे में सूप ही पीना है. अब बहुत से लोग प्रवचन देंगे कि भैया सूर्यास्त के बाद खाना नहीं खाना चाहिए. उनको कहना चाहूंगा, अरे भैया हम काम धंधे वाले आदमी हैं. सभी आदमी इतने खुशकिस्मत नहीं होति कि 7 बजे खाना खा कर फ्री हो जाएं. हम कभी नौ बजे फ्री होते हैं तो कभी 10 बजे.'
'मैं ना 11-11 बजे ग्यारह बजे खूब जी भर खाना खाता हूं. मैं सबको कह रहा हूं, जब टाइम मिले तब खाना खाओ. घर का बना हुआ खाओ. मगर उसके एक डेढ़ घंटे बाद सोना चाहिए. रात को थोड़ा टहल लो. आप 3 दिन खाना मत खाओ, आप वैसे ही चकरा कर गिर जाओगे. चेहरा पीला पड़ जाएगा.'
सूर्यास्त के बाद खाना ना खाने के पीछे का साइंस क्या है?

हॉवर्ड हेल्थ पब्लिशिंग और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जनरल मेडिकल साइंस का कहना है इंसानी शरीर में एक नेचुरल क्लॉक होती है जिसे सर्केडियन रिदम कहते हैं जो नींद, हार्मोन, डाइजेशन और एनर्जी खर्च करने को कंट्रोल करती है. जब सूर्यास्त हो जाता है तो शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन रिलीज होता है जो बॉडी को रिलेक्स मोड में ले जाने लगता है और शरीर की एक्टिवनेस कम होने लगती है. इसलिए सूर्यास्त के बाद भोजन करना बॉडी रिकवरी की जगह डाइजेशन को अहमियत देने लगता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया स्कूल ऑफ मेडिसन की 2019 की स्टडी के मुताबिक, देर रात खाने से बॉडी मास इंडेक्स (BMI) बढ़ता है और मेटाबोलिज़्म स्लो होता है.
जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म 2020 की स्टडी के मुताबिक, लेट-ईटिंग पैटर्न इंसुलिन सेंसिटिविटी घटाता है जो शरीर की एक्स्ट्रा कैलोरीज को में फैट स्टोरेज को बढ़ा देती है.
क्लीवलेंड क्लीनिक के मुताबिक, देर रात को खाना खाने से शरीर को भोजन पचाने के लिए ज्यादा ऊर्जा लगानी पड़ती है, जिससे नींद की गुणवत्ता खराब होती है.
क्या करें?
साइंस के मुताबिक, सूर्यास्त के बाद खाना न खाना किसी परंपरा का हिस्सा नहीं बहै बल्कि बॉडी की नेचुरल क्लॉक और मेटाबोलिज्म से जुड़ा हुआ है. बाकी हर इंसान की लाइफस्टाइल अलग-अलग होती है. यदि आपका खाना देर शाम को या रात को होता है कि किसी डॉक्टर की सलाह लेना सही रहेगा.