
दुनिया भर में कोविड -19 (Covid-19) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. अभी की मौजूदा स्थिति में जो वैरिएंट सबसे अधिक तबाही मचा रहे हैं, उनमें डेल्टा वैरिएंट (Delta variant) और ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron variant) हैं. भारत की बात करें तो पिछले 24 घंटे में 2 लाख 64 हजार नए केस सामने आए हैं. जिससे देश में कुल एक्टिव केस 12,72,073 हो गए हैं. इसके साथ ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या भी 5,753 भी हो गई है.
इस वायरस को खत्म करने के लिए वैज्ञानिक लगातार रिसर्च में लगे हुए हैं. हाल ही में एक नई रिसर्च के मुताबिक, भांग/गांजा (Cannabis or weed) के कुछ यौगिक/कंपाउंड (Compound) कोविड -19 संक्रमण को रोक सकते हैं. वैज्ञानिकों की यह रिसर्च भांग में रासायनिक यौगिकों की उपस्थिति के बारे में बात करता है, जो वायरस को स्वस्थ मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोक सकते हैं.
वैज्ञानिकों ने क्या पाया रिसर्च में?

ये रिसर्च ओरेगन स्टेट के ग्लोबल हेम्प इनोवेशन सेंटर, कॉलेज ऑफ फार्मेसी और लिनुस पॉलिंग इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में हुई है जो जर्नल ऑफ नेचुरल प्रोडक्ट्स में पब्लिश हुई है. इसके मुताबिक, शोधकर्ता किसी भी तरह से यह नहीं कहते कि भांग या गांजा (Cannabis or weed) कोविड-19 से बचा सकता है. बल्कि यह रिसर्च भांग के 2 यौगिकों कैनाबिगेरोलिक एसिड या CBGA और कैनाबीडियोलिक एसिड या CBDA पर है, जो भांग में पाए जाते हैं.
ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के साथ शोध करने वाले रिचर्ड वैन ब्रीमेन (Richard van Breemen) ने पाया कि कैनाबिनोइड एसिड की एक जोड़ी कोरोना वायरस की स्पाइक प्रोटीन से जुड़ने में सक्षम है. यह उस जैविक प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम को रोक सकता है, जिसका उपयोग वायरस लोगों को संक्रमित करने के लिए करता है. इन यौगिकों को ओरल रूप से लिया जा सकता है और इंसानों में इसके सुरक्षित उपयोग का लंबा इतिहास है. इनके पास कोविड द्वारा संक्रमण को रोकने और इलाज करने की क्षमता है.
उन्होंने आगे कहा कि "ये कैनबिनोइड एसिड, भांग और भांग की कई चीजों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. ये टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (THC) यानी कि साइकोएक्टिव पदार्थ नहीं है जो आपके दिमाग से नियंत्रण हटा देता है. हमारी रिसर्च से पता चला है कि भांग के यौगिक ब्रिटेन में पहली बार मिले कोरोना वायरस के B.1.1.7 (अल्फा) वैरिएंट और दक्षिण अफ्रीका में मिले वैरिएंट B.1.351 (बीटा) पर समान रूप से प्रभावी थे.
वैक्सीन और एंटीबॉडी में हो सकता है प्रयोग

रिसर्च में जिन कंपाउंड के बारे में बताया गया है, वे कैनाबिगेरोलिक एसिड और कैनबिडिऑलिक एसिड दोनों वायरस के स्पाइक प्रोटीन से जुड़ सकते हैं. इन यौगिकों का इस्तेमाल वायरस को टारगेट करने के लिए कोविड-19 वैक्सीन और एंटीबॉडी के इलाज में भी किया जा सकता है.
गांजा फाइबर और पशु भोजन का भी एक सोर्स है और इसके अर्क को आमतौर पर सौंदर्य प्रसाधन, बॉडी लोशन, डाइट्री सप्लीमेंट और भोजन में जोड़ा जाता है.
पिछली कुछ रिसर्च से यह भी पता चलता है कि कैनाबिगेरोलिक एसिड और कैनाबीडियोलिक एसिड ने कोरोना वायरस से लोगों में एपिथेलियल कोशिकाओं के संक्रमण को रोका था.