मलेरिया पैरासाइट के कारण होने वाली एक बीमारी है. यह पैरासाइट इंसानों में संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है. अक्सर मलेरिया की समस्या से पीड़ित लोगों को कमजोरी, तेज बुखार और कंपकंपी महसूस होती है. मलेरिया की यह बीमारी उन देशों में सबसे ज्यादा पाई जाती है जहां बारिश ज्यादा होती है. मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है. यह आमतौर पर संक्रमित एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है. जब यह मच्छर आपको काटता है, तो पैरासाइट आपके ब्लड में रिलीज होता है. एक बार जब ये पैरासाइट आपके शरीर के अंदर पहुंचता है तो यह आपके लिवर में ट्रेवल करता है जहां यह मैच्योर होता है. कुछ ही दिनों के बाद, ये मैच्योर पैरासाइट आपके खून में प्रवेश करते हैं और लाल रक्त कोशिकाओं को इंफेक्ट करना शुरू कर देते हैं. लाल रक्त कोशिकाओं में पहुंचने के बाद 48 से 72 घंटों के अंदर ये पैरासाइट दोगुने हो जाते हैं.
मलेरिया के लक्षण
मलेरिया होने पर पसीना आना, शरीर में दर्द, उल्टी, तेज बुखार, सिर दर्द, थकान, पेट में दर्द, डायरिया, एनीमिया, मसल्स में दर्द, कोमा, मल में खून आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
मलेरिया में भूलकर भी ना करें इन चीजों का सेवन
मलेरिया का बुखार आने पर ठंडा पानी बिल्कुल न पीएं और ना ही ठंडे पानी से नहाएं. रोगी को आम, अनार, लीची, अनन्नास, संतरा या खट्टे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए. दही, शिकंजी, गाजर, मूली जैसी ठंडी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए.मिर्च-मसाले या अम्ल रस से बने खाद्य पदार्थों का सेवन न करें. बाहर का तला-भुना या ज्यादा मसालेदार खाने से सख्त परहेज करें.
मलेरिया में किन चीजों का करें सेवन?
मलेरिया के रोगी को सेब खाना चाहिए. पीपल का चूर्ण शहद में मिलाकर उसका सेवन करवाने से भी मलेरिया के बुखार में लाभ मिलता है. खिचड़ी, दलिया, साबूदाना पौष्टिक होने के साथ पचने में भी आसान होते हैं. इसका सेवन करने से फायदा मिलता है. जी मचलने पर नींबू काटकर उस पर काली मिर्च का चूर्ण या सेंधा नमक डालकर चूस सकते हैं. मलेरिया बुखार में अमरूद खाने से रोगी को लाभ मिलता है. तुलसी के पत्तों के साथ काली मिर्च को पानी में उबालने के बाद इस पानी को छानकर पीएं.
मलेरिया से बचाएंगी ये सावधानियां
मच्छरों को घर के अंदर या बाहर पनपने से रोकें. इसके लिए अपने आस-पास सफाई का ध्यान रखें. ठहरे हुए पानी में मच्छर न पनपे, इसके लिए बारिश शुरू होने से पहले ही घर के पास की नालियों की सफाई और सड़कों के गड्ढे आदि भरवा लें. घर के हर कोने पर समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करवाते रहें. बारिश के मौसम में मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें. यदि कूलर का इस्तेमाल करते हैं तो उसकी सफाई का विशेष ध्यान रखें और दवा का छिड़काव करवाएं.