scorecardresearch
 

Kiss करने से बढ़ता है इन बीमारियों का खतरा! 80000000 बैक्टीरिया का होता है आदान-प्रदान

Kissing Side Effects: पार्टनर को किस करके प्यार का इजहार करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं पार्टनर को किस करने से कई तरह की ओरल बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है? आज हम आपको किसिंग से होने वाली कुछ बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं.

Advertisement
X
kissing side effects
kissing side effects

Kissing Side Effects: पार्टनर को किस करना सेक्सुअल इंटीमेसी का हिस्सा होता है. एक-दूसरे को किस करने से लोग सामने वाले व्यक्ति से अपने प्यार का इजहार करते हैं साथ ही इससे पार्टनर्स के बीच रिश्ते भी मजबूत होते हैं. माना जाता है कि किस करना एक प्यार भरा स्पर्श होता है जिससे दो लोग आपस में जुड़ते हैं. शायद आप ये नहीं जानते होंगे कि किस करने से कई तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि किस करने से ओरल डिजीज का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. 

ऐसा तब होता है जब आपका पार्टनर ओरल हाइजीन को अच्छी तरह से फॉलो नहीं करता. ओरल डिजीज को संक्रामक माना जाता है और उन्हें पैदा करने वाले बैक्टीरिया के संपर्क में आने के बाद व्यक्ति इससे संक्रमित हो सकता है.

एक्सपर्ट का कहना है कि जब आप पार्टनर को किस करते हैं तो इससे आप दोनों के मुंह में लगभग 80 मिलियन बैक्टीरिया का आदान-प्रदान होता है और अगर आपका पार्टनर काफी लंबे समय से डेनटिस्ट के पास नहीं गया है या ओरल हाइजीन को फॉलो नहीं करता है तो उसके मुंह के खराब बैक्टीरिया आपके मुंह में आने की संभावना काफी ज्यादा होती है. इससे आपको कई तरह की ओरल डिजीज का सामना करना पड़ सकता है. 

किस करने से हो सकती हैं ये ओरल डिजीज

ओरल प्रॉब्लम्स कई तरह की होती हैं. जरूरी नहीं हर ओरल प्रॉब्लम खतरनाक हो. मुंह की बीमारी से संक्रमित होने का खतरा तब अधिक होता है जब बीमारी का मामला बैक्टीरिया या वायरस के कारण होता है. अगर आपके दांत सफेद और साफ हैं तो भी आपको ओरल डिजीज की समस्याओं का  सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं उन बीमारियों के बारे में जो किसी को किस करने से फैलती हैं. क्योंकि इस दौरान एक व्यक्ति के मुंह की लार में मौजूद बैक्टीरिया आसानी से दूसरे व्यक्ति के मुंह में पहुंच जाते हैं.  

Advertisement

कैविटी- कैविटी आमतौर पर दांतों की सड़न के कारण होती है, जो स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स नामक एक विशेष प्रकार के बैक्टीरिया के कारण होता है,  इस तरह के बैक्टीरिया एक विशेष प्रकार के एसिड का उत्पादन करते हैं, जो दांतों के इनेमल को धीरे-धीरे तोड़ देता है जिससे दांत सड़ने लगते हैं. यदि समय पर इसे रोका नहीं गया तो यह एक समय में एक से अधिक दांतों को प्रभावित कर सकता है. यह बैक्टीरिया लार के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के मुंह में आसानी से जा सकता है. 

गम डिजीज- मसूड़े की सूजन बैक्टीरिया की विभिन्न प्रजातियों के कारण होती है. एक बार इस बैक्टीरिया से संक्रमित होने के बाद व्यक्ति को लंबे समय तक कई मौखिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. जब बैक्टीरिया व्यक्ति के मसूड़े के संपर्क में आते हैं, तो यह एक पॉइजन छोड़ते हैं जो मसूड़े की नाजुक त्वचा को परेशान करता है, जिससे सूजन हो जाती है. इससे ब्रश करते समय मसूड़ों से खून आना और दुर्गंध का सामना करना पड़ता है.  

पीरियोडॉन्टल डिजीज- पेरीओडोन्टल बीमारी एक ऐसी स्थिति है जिसमें मसूड़े की रेखा के नीचे मवाद बनने लगता है. समय के साथ यह सूजन को बढ़ाता है और बोन टिशू को प्रभावित करना शुरू कर देता है. इससे दांतों की जड़ खराब हो जाती है और आपके दांत झड़ने लगते हैं. वयस्कों में दांतों के झड़ने का सबसे आम कारण पेरीओडोन्टल डिजीज है. 

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement