ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों (Omicron cases) के बीच सही सेहत और मजबूत इम्यूनिटी की अहमियत फिर बढ़ गई है. जाहिर तौर नए साल में शरीर को पूरी तरह से फिट रखना लोगों को पहला रिजॉल्यूशन (New Year 2022 resolutions) होना चाहिए. पिछले 2 सालों में कोरोना महामारी से हमने सीखा है कि छोटी-छोटी चीजों से किस तरह हेल्थ को सही रखा जा सकता है. अगर आप अंदर से फिट हैं तो जाहिर तौर पर बीमारियों से दूर रहेंगे और मानसिक रूप से अच्छी अवस्था में रहेंगे. सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर (Rujuta Diwekar) ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया है कि किस तरह हमारे डेली रूटीन की छोटी-छोटी गलतियां सेहत पर भारी पड़ सकती हैं और हमें ये करने से बचना चाहिए.
बिना न्यूट्रिशन वाली चीजें ना खाएं- न्यूट्रिशनिस्ट दिवेकर अपने वीडियो में लोगों से खानपान पर खास ध्यान देने की अपील कर रही हैं. वो कहती हैं कि हमें ऐसी कोई चीज नहीं खानी चाहिए जिसमें न्यूट्रिशन ना हो. उनका कहना है कि डाइट ट्रेंड समय के साथ बदलते रहते हैं लेकिन न्यूट्रिशन से जुड़े कुछ खास तथ्य कभी नहीं बदलते हैं जो आपको लंबे तक स्वस्थ रखने का काम करते हैं. दिवेकर अपने फॉलोवर्स को ग्लूटेन फ्री और डेयरी फ्री जैसे ट्रेंड से दूर रहते हुए खानपान का चुनाव दिमाग से करने की सलाह दे रही हैं.
दिवेकर ने कहा, 'पहले लोग अपनी डाइट में घी नहीं शामिल करते थे लेकिन अब लोग कॉफी में भी ऊपर से घी डालते हैं. पहले लोग रोटी में घी नहीं लगाते थे तो अब लोग रोटी ही नहीं खाते हैं. तो ये ट्रेंड आते-जाते रहते हैं. जो चीजें समय के साथ बदल जाएं उनमें सच्चाई नहीं होती है इसलिए ऐसे न्यूट्रिशन पर ध्यान देना चाहिए जिस पर हमेशा भरोसा किया जा सके. डाइट में बाजरा-मक्खन, घी-रोटी और चावल-दाल जैसे ट्रेडिशनल फूड को हमेशा शामिल रखें.'
एक्सरसाइज को सजा के तौर पर ना लें- वीडियो में दिवेकर ने कहा है कि एक्सरसाइज को गणित के समीकरण में ना लाएं और ना ही कैलोरी गिनते हुए उस हिसाब से वर्कआउट करें. उन्होंने कहा, 'एक्सरसाइज हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है. जिन लोगों का वजन ज्यादा है, उन लोगों को इसे एक सजा के तौर पर नहीं देखना चाहिए. वजन कम करने के अलावा भी एक्सरसाइज करने के कई फायदे हैं. ये एंटीडिप्रेसेंट के रूप में काम करता है और आपकी क्रेविंग को भी कम करता है.'
फिटनेस में महिलाओं की मदद ना करना- कई महिलाओं को शादी के बाद बाल झड़ने, PCOS, कमजोर घुटने, पीठ दर्द, अनियमित पीरियड्स से लेकर नींद ना आने जैसी समस्याएं होने लगती हैं. न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि बच्चों, करियर, परिवार, सामाजिक दबाव जैसी कई जिम्मेदारियों के कारण बहुत सी महिलाएं फिटनेस के लिए समय नहीं निकाल पाती हैं, जबकि पुरुषों के लिए एक्सरसाइज और एक्टिविटी के लिए समय निकालना आसान होता है.
दिवेकर कहती हैं, 'अगर आप पुरुष हैं और आप एक्सरसाइज और के लिए समय निकाल लेते हैं, जबकि आपकी पत्नी ये नहीं कर पाती हैं तो आपको उनका सहयोग करने की जरूरत है. आपको देखना चाहिए कि आप अपने परिवार में क्या बदलाव ला सकते हैं ताकि वो भी खुद को फिट रखने के लिए समय निकाल सकें.'