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डायबिटीज के मरीज आलू को हाथ भी ना लगाएं? डॉक्टरों की बात सुन दूर कर लीजिए कंफ्यूजन

आलू कई प्रकार के महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होता है जिनकी हम सभी को जरूरत होती है और जाहिर सी बात है कि ये पोषक तत्व मधुमेह के रोगियों के लिए भी जरूरी हैं. लेकिन यहां ये ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आलू ना केवल कार्ब्स से भरपूर होता हैं बल्कि इसे हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड माना जाता है जिसका मतलब है कि ऐसे कार्ब्स जो शरीर द्वारा जल्दी अवशोषित होकर ब्लड शुगर में वृद्धि करते हैं.

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डायबिटीज के मरीज आलू खाएं या नहीं
डायबिटीज के मरीज आलू खाएं या नहीं

डायबिटीज की बीमारी को काबू में रखने के लिए मरीजों को दवाइयों के साथ ही अपने खानपान में भी सख्ती करनी पड़ती है. उन्हें कौन सी चीजें खानी हैं और कौन सी नहीं, इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी होता है. अक्सर लोग इस बात को लेकर बड़े कन्फ्यूजन में रहते हैं कि मधुमेह के रोगियों को आलू खाना चाहिए या नहीं क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट्स पाए जाते हैं जो ब्लड शुगर का लेवल बढ़ाते हैं. इस आर्टिकल में आपको इस बारे में विस्तार से बताएंगे कि आलू वास्तव में डायबिटीज के मरीजों के लिए नुकसानदेह है या नहीं जिसके बाद आलू पर लंबे समय से चला आ रहा आपका कन्फ्यूजन दूर हो जाएगा.

आलू पर सुनें वैज्ञानिकों की बात
आलू भारत समेत दुनिया भर में सबसे ज्यादा खाने वाले खाद्य पदार्थों में शामिल है. आलू भारत और अमेरिका में खाई जाने वाली सबसे लोकप्रिय सब्जियों में एक है. इतना ही नहीं इन देशों में आलू की सब्जी के अलावा चिप्स और फ्राइज के रूप में भी बहुत ज्यादा खपत होती है.

लोगों में आलू को लेकर ये भ्रम होता है कि हाई कार्ब वाला आलू डायबिटीज के मरीजों के लिए सही नहीं है. लेकिन रिसर्च बताती हैं इसका जवाब पूरी तरह से ब्लैक एंड व्हाइट नहीं है यानी ये नहीं कहा जाता सकता कि आलू डायबिटीज के मरीजों के लिए पूरी तरह से नुकसानदेह है.

डायबिटीज के मरीज खा सकते हैं आलू, बस रखें ये ख्याल

वास्तव में कोई भी खाद्य पदार्थ जिससे आपको एलर्जी ना हो, उसकी सीमित मात्रा का सेवन डायबिटीज की बीमारी में भी किया जा सकता है. हालांकि मधुमेह रोगी को आलू खाने से नुकसान ना हो और उसके पोषक तत्व मिले, इसके लिए इसका सही तरीके से सेवन करना जरूरी है.

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वैज्ञानिकों का कहना है कि आलू में स्टार्च पाया जाता है इसलिए इसका सेवन ऐसी सब्जियों के साथ करना चाहिए जिनमें स्टार्च ना हो. साथ ही इसे प्रोटीन और विटामिन्स से भरपूर खाद्य पदार्थों में मिलाकर खाना चाहिए.

क्यों सेहत के लिए जरूरी है आलू
जमीन में उगने वाला आलू बहुत ही आसानी से उपलब्ध होता है. ये कीमत में कम होता है लेकिन इसका इस्तेमाल हजारों तरीके से किया जाता है, यही वजह है कि दुनिया में हर जगह आलू की खपत बहुत ज्यादा होती है. आलू सब्जी के अलावा स्नैक्स के रूप में भी बहुत पॉपुलर है. इससे कई तरह के स्नैक्स बनाए जाते हैं.

आलू में पोटैशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, आयरन और जिंक जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन भी शरीर को ताकत देते हैं. आलू में एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं.

एक आलू में होते हैं इतने पोषक तत्व
एक आलू में 168 कैलोरी, चार ग्राम प्रोटीन, 0.2 ग्राम फैट, 39 ग्राम कार्ब्स, तीन ग्राम फाइबर, 1.83 मिलीग्राम आयरन, 888 मिलीग्राम पोटैशियम और 12 मिलीग्राम विटामिन सी पाया जाता है.

आलू कई प्रकार के महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होता है जिनकी हम सभी को जरूरत होती है और जाहिर सी बात है कि ये पोषक तत्व मधुमेह के रोगियों के लिए भी जरूरी हैं.

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लेकिन यहां ये ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आलू ना केवल कार्ब्स से भरपूर होता हैं बल्कि इसे हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड माना जाता है जिसका मतलब है कि ऐसे कार्ब्स जो शरीर द्वारा जल्दी अवशोषित होकर ब्लड शुगर में वृद्धि करते हैं. यही कारण है कि आलू को सीमित मात्रा में और धीरे-धीरे पचने वाले खाद्य पदार्थ जैसे कम स्टार्च वाली सब्जियों और प्रोटीन के साथ सेवन करना चाहिए.

आलू ब्लड शुगर को कैसे प्रभावित करता है
जब किसी व्यक्ति को डायबिटीज होती है तो वो भोजन में पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट को आसानी से अवशोषित नहीं कर पाता है जिससे खून में शुगर का स्तर जरूरी मात्रा से अधिक हो जाता है. वहीं, जिन लोगों को डायबिटीज नहीं होती, उनके शरीर में शुगर बढ़ने पर पैनक्रिया (अग्न्याशय) इंसुलिन जारी करने का संकेत देता है जिसके बाद इंसुलिन शरीर में कोशिकाओं की शुगर को ऊर्जा में बदलने में मदद करने लगता है. इस तरह ऐसे लोगों में शुगर आसानी से ऊर्जा के रूप में अवशोषित हो जाती है. 

लेकिन डायबिटीज के केस में या तो व्यक्ति का अग्न्याशय इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है (जैसा कि टाइप 1 डायबिटीज में होता है) या फिर कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति रेसिस्टेंस हो जाती हैं और शुगर को ऊर्जा में बदलने का अपना काम नहीं कर पाती हैं (जो स्थिति टाइप 2 डायबिटीज में होता है).

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दोनों ही स्थितियों में खून में शुगर की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है और धीरे-धीरे ये ब्लड वेसल्स (रक्त वाहिका) को नुकसान पहुंचाने लगती है जिससे आगे चलकर हृदय रोग, अंधापन और गुर्दे की बीमारी जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

आलू का कितनी मात्रा में करें सेवन

आलू एक प्रकार का जटिल कार्बोहाइड्रेट है. इसका मतलब है कि इसमें अधिक पोषक तत्व और अधिक फाइबर होते हैं. साधारण कार्ब्स का अर्थ आटे से बने पैक्ड फूड, हाई प्रॉसेस्ड खाद्य पदार्थ, प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली चीनी और उससे बने खाद्य पदार्थ हैं.

डायबिटीज के मरीजों को दिन भर में एक छोटी कटोरी से ज्यादा आलू का सेवन नहीं करना चाहिए. आसान भाषा में बताएं तो डायबिटीज के रोगी अगर आलू की सब्जी खाते हैं तो वो प्लेट का एक चौथाई हिस्सा होनी चाहिए. इसके साथ ही मरीजों को दाल, हरी सब्जियां और बाकी हेल्दी चीजें भी खानी चाहिए.

अमेरिका की न्यूट्रिशनिस्ट, डाइटीशियन मैरी एलन फिलिप्स बताती हैं, ''डायबिटीज के रोगी ब्लड शुगर के लिए तय मानक वाली डाइट के हिस्से के रूप में आलू का सेवन कर सकते हैं लेकिन उन्हें बस अपने खाने के तरीके में बदलाव करना होगा. उदाहरण के लिए डायबिटीज के रोगियों को नमक, तेल, क्रीम, चीज के साथ परोसी जाने वाली आलू की डिशेश की जगह इसे हेल्दी फॉर्म में खाना चाहिए. मधुमेह के रोगी इसे सब्जियों, मीट, मछली और दालों के साथ खा सकते हैं.''

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उन्होंने आगे बताया, ''अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है तो कार्ब्स उसकी डाइट का भी जरूरी हिस्सा है. बस इसे फाइबर, प्रोटीन और स्वस्थ वसा से भरपूर खाद्य पदार्थों के साथ खाना चाहिए और इसकी मात्रा का भी ख्याल रखना चाहिए.

यहां ये भी ध्यान रखने वाली बात है कि डायबिटीज के मरीजों को आलू का सेवन हेल्दी फॉर्म में करना चाहिए. आलू के चिप्स, फ्राइज या उन्हें तलकर खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं है.'' 


 

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