शरीर में किडनी बहुत जरूरी अंग है, क्योंकि यह ब्लड को फिल्टर करता है. मगर कुछ समय से किडनी फेलियर की समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है, जिसकी एक वजह खराब लाइफस्टाइल भी है. किडनी के जुड़ी समस्या अब सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि समय के साथ इन बीमारियों की चपेट में युवा भी आ रहे हैं.
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दिल्ली के द्वारका में प्रैक्टिस करने वाले मशहूर डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. बृजमोहन अरोड़ा के मुताबिक, किडनी फेलियर शायद ही कभी शुरुआती चेतावनी देती है. किडनी को हाई ब्लड प्रेशर चुपचाप नुकसान पहुंचाता है, इसलिए अगर आप सही समय पर सही कदम उठाते हैं तो आप किडनी फेलियर के खतरे को कम कर सकते हैं.
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किडनी फेलियर को खुद से दूर रखने के लिए हमें सबसे पहले अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करने की जरूरत है. ऐसे में डॉक्टर अरोड़ा ने ऐसी पांच आदतों के बारे में बताया है, जिनसे आप क्रोनिक किडनी डिजीज, डायलिसिस, हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं.
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किडनी फेलियर के लिए हाई ब्लड प्रेशर एक साइलेंट किलर की तरह होता है, क्योंकि ये हाई BP किडनी पर दबाव डालता है और धीरे-धीरे उसे नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए रोज या हफ्ते में कुछ बार BP मापना चाहिए. इसे 130/80 mmHg से कम बनाए रखना जरूरी है, सही BP से किडनी सुरक्षित रहती है और दिल भी सेफ रहता है.
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पेशाब की जांच करना भी बीपी मापने जितना ही जरूरी है, ACR टेस्ट किडनी की सेहत बताता है. अगर ACR 30 mg/g से कम है तो किडनी ठीक है, अगर यह इससे अधिक होता है तो यह शुरुआती चेतावनी है. समय रहते डॉक्टर से जांच कराएं. इससे किडनी की बीमारी को जल्दी रोका जा सकता है.
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नमक की ज्यादा मात्रा ब्लड प्रेशर बढ़ाती है और किडनी पर दबाव डालती है. रोज 5 ग्राम से कम नमक लें, पैकेज्ड और जंक फूड में ज्यादा सोडियम और हानिकारक चीजें होती हैं. घर का ताजा खाना खाएं, यह किडनी और हेल्थ दोनों के लिए अच्छा है.
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अगर डायबिटीज है तो किडनी की फिल्टरिंग बिगड़ सकती है. ऐसे में HbA1c 7 प्रतिशत से कम रखें. फास्टिंग शुगर 115 और खाने के बाद 170, शुगर कंट्रोल में रहने से किडनी पर दबाव कम होगा और नुकसान होने से रोका जा सकता है.
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