शहद को सदियों से दुनिया भर में पसंद किया जाता रहा है. ये सिर्फ स्वाद में मीठा नहीं होता, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है. इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर गले की खराश कम करने तक ये बहुत से फायदे देता है, जिसकी वजह से इसे अक्सर लिक्विड गोल्ड कहा जाता है. लेकिन हाल के सालों में एक बड़ी समस्या सामने आई है. वो समस्या क्या है? दरअसल, बाजार में नकली या मिलावटी शहद भी मिल रहा है, जो सेहत के लिए नुकसानदायक होता है. कई ब्रांड्स असली शहद में चीनी की चाशनी, गुड़ या यहां तक कि पिघली हुई कैंडी जैसी चीजें मिलाते हैं. आइए जानते हैं कि ये समस्या इतनी बड़ी क्यों है और आप घर पर ही कैसे पहचान सकते हैं कि आपका शहद असली है या नकली.
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क्यों बड़ी समस्या बनता जा रहा है नकली शहद?
नकली शहद अब कई देशों में आम होता जा रहा है. ये नकली प्रोडक्ट दिखने और स्वाद में असली जैसे लगते हैं, इसलिए ज्यादातर लोग इसे देखकर फर्क नहीं कर पाते. अब हर कोई लैब में शहद की टेस्टिंग नहीं कर सकता है क्योंकि ये महंगा होता है और बहुत समय भी लेता है, लोग अक्सर सिर्फ ब्रांड या कीमत देखकर भरोसा कर लेते हैं. असली और नकली शहद अक्सर लगभग एक ही दाम में बिकते हैं, जिससे पहचान करना मुश्किल हो जाता है. इसी वजह से साइंटिस्ट्स अब ऐसे आसान घरेलू टेस्ट खोज रहे हैं जिनसे बिना लैब टेस्ट के शहद की शुद्धता जांची जा सके.
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शहद में क्या-क्या मिलाया जाता है?
जर्नल ऑफ फूड प्रोटेक्शन में छपी एक नई स्टडी में नकली शहद की पहचान करने के आसान तरीकों का टेस्ट किया गया. इथियोपिया के वैज्ञानिकों ने उन आम मिलावटों पर स्टडी किया जो शहद में की जाती हैं. शहद में मिलावट करने के लिए उसमें टेबल शुगर, गुड़, पका हुआ केला, पिघली हुई कैंडी और शेबेब (एक नमक जैसा कंपाउंड) मिलाया जाता है.
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1. घोलने का तरीका: थोड़ा सा शहद पानी में मिलाएं और देखें कि ये कैसे घुलता है.
किस तरह की मिलावट के लिए काम करता है: अगर शहद में केला या गुड़ मिला हो, तो जल्दी पानी में जल्दी घुल जाता है.
किस तरह की मिलावट के लिए काम नहीं करता: अगर शहद में चीनी मिली हो, तो यह असली शहद की तरह नीचे बैठ जाता है और आसानी से नहीं घुलता.
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2. थंब टेस्ट: अपने अंगूठे पर शहद की एक बूंद डालें और देखें कि ये कैसे फैलता है.
किस तरह की मिलावट के लिए काम करता है: अगर शहद में केला या गुड़ मिला है, तो ये आसानी से फैल जाता है और कम चिपचिपा लगता है.
किस तरह की मिलावट के लिए काम नहीं करता: अगर शहद में चीनी या शेबेब मिला है, तो यह चिपचिपा रहेगा और कभी-कभी हल्के कण महसूस होंगे.
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3. फ्लेम टेस्ट: एक सूखी माचिस की तीली को शहद में डुबोएं और उसे जलाने की कोशिश करें.
किस तरह की मिलावट के लिए काम करता है: अगर शहद में गुड़, केला या शेबेब मिला है, तो लौ जलाते समय धुआं या चटकने जैसी आवाज आती है.
शुद्ध शहद बिना ज्यादा धुएं के साफ-सुथरा जलता है.
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साइंटिस्ट्स ने क्या पाया?
रिसर्चर्स ने पाया कि ये घरेलू तरीके मददगार हो सकते हैं, लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि शहद में कौन-सी चीज मिलाई गई है. हर टेस्ट हर तरह की मिलावट नहीं पकड़ सकता, लेकिन अगर दो या ज्यादा तरीके साथ में इस्तेमाल किए जाएं, तो नकली शहद पहचानना आसान हो जाता है.
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