दिवाली पर पटाखें जलाना आम है. खासकर बच्चों में पटाखे जलाने का बहुत उत्साह होता है. उन्हें पटाखों के बिना दिवाली अधूरी लगती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पटाखे जलाना आप पर कितना भारी पढ़ सकता है.
पर्यावरण संरक्षण विभाग की एक रिपोर्ट ने दावा किया है कि आम दिनों के मुकाबले दिवाली पर जलने वाले पटाखों के कारण हवा में प्रदूषण 6 से 10 गुनाह तक बढ़ जाता है.
बता दें कि पटाखों में नाइट्रोजन, सल्फर गैस के साथ चारकोल और बारुद होते हैं, जिसके कारण दिवाली के मौके पर हवा में सल्फर और केमिकल्स गैस की मात्रा डबल से भी ज्यादा पाई जाती है.
विशेषज्ञों की मानें तो पटाखों में कम से कम 20 से 21 तरह के रसायन शामिल होते हैं, जो हवा में घुलकर सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं.
हवा में कई तरह के केमिकल्स होने के कारण ये हमारी सेहत पर काफी बुरा असर डालते है. गर्भवती महिलाओं, बच्चों और अस्थमा के रोगियों के लिए यह हवा किसी जहर से कम नहीं होती.
पटाखों से होने वाले नुकसान:
1.पटोखों की चिंंगारी से शरीर के जलने का खतरा तो रहता ही है, साथ ही अगर इसकी चिंगारी आखों में चली जाएं तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है.
2. पटाखों की तेज अवाजों से दिले के मराजो को हार्ट अटेक भी हो सकता है.
3. पटाखों के धुएं से आंखों में जलन, खांसी, गले में खराश और सासं लेने में भी परेशानी हो सकती है, जिसके कारण दमा के रोगियों में अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है.
4. पटाखों में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रस ऑक्साइड गर्भवती महिला के साथ उसके गर्भ में पल रहें बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं.
5. पटाखों से निकलने वाली तेज अवाजों से कान का पर्दा फटने का भी खतरा रहता है.
6. पटाखों के धुएं से हाई ब्लड प्रेशर, एंजाइटी, उल्टी के साथ फेफड़े और किडनी से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं.
7. इंसानों के साथ पटाखों से निकलने वाला धुंआ और चिंगारी पशु-पक्षियों को भी कई तरह से नुकसान पहुंचाता है.