अपनी दिनचर्या में ग्रीन टी को आज ही शामिल कीजिए, क्योंकि एक बेहतरीन एंटीऑक्सिडेंट होने के नाते स्पाइनल कॉर्ड में चोट लगने के बाद यह आपके तंत्रिका कोशिकाओं को सुरक्षा प्रदान करती है.
चीन के शोधकर्ताओं ने इसका प्रमाण पाया है, जिसके मुताबिक ग्रीन टी में पाया जाने वाला पॉलिफेनॉल्स स्पाइनल कॉर्ड की तंत्रिका कोशिकाओं को ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस (कोशिकाओं को नष्ट करने की प्रक्रिया) से बचाव कर सकता है, जिससे मुक्त कणों के नुकसान में कमी आ सकती है.
चूहों पर किए गए शोध के बाद मुख्य शोधकर्ता जियान्बो झाओ और लियाओनिंग मेडिकल विश्वविद्यालय के सह शोधकर्ताओं ने पाया कि ग्रीन टी में पाया जाने वाला पॉलिफेनॉल्स ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को महत्वपूर्ण रूप से कम करता है, जिससे न्यूरोनल एपोप्टोसिस में कमी आती है. झाओ ने कहा, 'परिणाम के मुताबिक ग्रीन टी में पाया जाने वाला पॉलिफेनॉल्स स्पाइनल कॉर्ड की तंत्रिका कोशिकाओं को ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस से बचाता है.'
स्पाइनल कॉर्ड में चोट दो तरह के होते हैं- प्राथमिक और द्वितीयक. जब चोट यांत्रिक माध्यम से होता है, तो उसे प्राथमिक चोट, जबकि अन्य आंतरिक माध्यमों से होने वाले नुकसान को द्वितीयक की श्रेणी में रखा जाता है. यह अध्ययन पत्रिका 'न्यूरल रिजेनरेशन रिसर्च' में प्रकाशित हुआ है.