आमतौर पर कमर में दर्द होना किसी बीमारी का नहीं बल्कि हड्डियों के कमजोर होने का संकेत होता है. हमारा पूरा शरीर रीढ़ की हड्डी की पर खड़ा है. अगर कमर में दर्द है तो इसका मतलब यह है कि रीढ़ की हड्डी या मांसपेशियों में कुछ समस्या है.
कमरदर्द की वजह से लोगों को बहुत परेशानी होती है. इसकी वजह से बैठना या खड़ा रहना बहुत मुश्किल हो जाता है. इस दर्द की इस वजह से मांसपेशियों में तनाव आ जाता है. तनाव की स्थिति में दर्द और बढ़ जाता है.
ये परेशानी उन लोगों को ज्यादा होती है तो एक ही पोजीशन में बैठकर काफी देर तक काम करते हैं. आज की लाइफस्टाइल में थोड़ी सी लापरवाही की कीमत आपकी कमर को चुकानी पड़ सकती है. इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स देर तक एक ही पोजीशन में बैठने से बचने की सलाह देते हैं.
हालांकि कुछ लोगों की गलतियों की वजह से उनकी कमर में बराबर दर्द रहने लगता है और चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे लोग एलोपैथी दवाई करते हैं लेकिन दवाई का असर खत्म होते ही समस्या फिर होने लगती है.
कमर दर्द की समस्या से निपटने के लिए एक योग आसन बहुत कारगर माना जाता है. इस आसन को मार्जरी आसन कहा जाता है. ये आसन उन लोगों को जरूर करना चाहिए जो कम्प्यूटर पर बैठकर घंटों काम करते हैं.
मार्जरी आसन से रीढ़ की हड्डी मजबूत और लचीली बनती हैं. इस आसन को करने से पीठ और कमर दर्द की समस्या दूर होती है. इसे करने के लिए अपने घुटनों और हाथों के बल आएं और शरीर को एक मेज कई तरह बना लें. अपनी पीठ से मेज का ऊपरी हिस्सा बनाएं और हाथ और पैर से मेज के चारों पैर बनाएं.
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अब अपने हाथ कन्धों के ठीक नीचे, हथेलियां जमीन से चिपकी हुई रखें और घुटनों के बीच थोड़ा अंतर रखें. गर्दन सीधी और नजरें सामने रखें. सांस लेते हुए अपनी ठोड़ी को ऊपर की ओर सिर को पीछे की ओर ले जाएं, अपनी नाभि को जमीन की ओर दबाएं और अपनी कमर के नीचे के हिस्से को ऊपर की ओर ले जाएं.
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कुछ समय तक इसी स्थिति में रहें. लंबी गहरी सांसें लेते और छोड़ते रहें. अब इसकी विपरीत स्थिति करें. सांस छोड़ते हुए ठोड़ी को छाती से लगाएं ओर पीठ को धनुष आकार में जितना ऊपर हो सके उतना उठाएं. इस स्थिति को कुछ समय तक बनाएं रखें और फिर पहले कि तरह मेजनुमा स्थिति में आ जाएं. इस प्रक्रिया को पांच से 6 बार दोहराएं और आराम करें.
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मार्जरी आसन को कैट पोज (Cat pose) भी कहते हैं. इसे करने से रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों का लचीलापन बना रहता है. ये पीठ के साथ गर्दन दर्द में भी राहत देता है. इस आसन से आपके पेट की मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है. इसकी वजह से पाचन क्रिया में सुधार होता है.